Lok Sabha: यात्रियों की सुरक्षा के लिए रेलवे ने क्या-क्या कदम उठाये, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया

त्यौहारों के दौरान यात्रियों की अलग-अलग आवाजाही पैटर्न के कारण प्रत्येक रेलवे स्टेशन पर विशिष्ट परिचालनिक चुनौतियां होती हैं।

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Lok Sabha: रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव(Railway Minister Ashwini Vaishnav) ने  को कहा कि भारतीय रेलवे(Indian Railways) ने यात्रियों की सुरक्षा(Safety of passengers) बढ़ाने के लिए भीड़ प्रबंधन और बुनियादी ढांचे को मजबूत(Crowd management and strong infrastructure) किया गया है।

वैष्णव ने लोकसभा(Lok Sabha) में प्रश्न काल(Question Hour) के दौरान एक सदस्य के प्रश्न का जवाब देते हुए बताया कि त्यौहारों के दौरान यात्रियों की अलग-अलग आवाजाही पैटर्न के कारण प्रत्येक रेलवे स्टेशन पर विशिष्ट परिचालनिक चुनौतियां(Specific operational challenges) होती हैं। सुरक्षा-व्यवस्था और यात्रियों की आवाजाही को सुव्यवस्थित करने के लिए सभी हितधारकों को शामिल करके स्टेशन विशेष योजनाएं बनाई जाती हैं, जिनमें राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी), स्थानीय पुलिस और स्थानीय नागरिक प्रशासन शामिल होते हैं।

महाकुंभ 2025 के दौरान किए गए खास प्रबंध
प्रयागराज में महाकुंभ 2025(Mahakumbh 2025) के दौरान यात्रियों की भीड़ को संभालने के लिए की गई व्यवस्था की जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि नई अवसंरचना का निर्माण किया गया। उन्होंने कहा कि महाकुंभ के दौरान सुचारू परिवहन सुनिश्चित करने के लिए एक अच्छी तरह से समन्वित ट्रेन परिचालन योजना लागू की गई। प्रत्येक स्टेशन पर स्वयं का नियंत्रण कक्ष था, जबकि प्रयागराज जंक्शन पर एक केंद्रीय मास्टर नियंत्रण कक्ष था। ट्रेन परिचालन और स्टेशनों पर भीड़ प्रबंधन के लिए मानक संचालन पद्धतियां विकसित की गई थी।

निगरानी और रियल टाइम मॉनिटरिंग पर जोर
उन्होंने बताया कि रेलवे ने महाकुंभ-2025 के लिए व्यापक सुरक्षा व्यवस्था उपलब्ध कराई, जिसमें निगरानी और रियल टाइम मॉनिटरिंग पर जोर दिया गया था। रेलपथों और स्टेशनों के पहुंच मार्गो पर भीड़ प्रबंधन के लिए लगभग 1200 सीसीटीवी कैमरे, जिनमें 116 फेस रिकग्निशन सिस्टम कैमरे और ड्रोन कैमरे शामिल थे, तैनात किए गए थे।

15,000 अतिरिक्त कार्मिकों की तैनाती
अश्विनी वैष्णव ने कहा कि यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए रेल सुरक्षा बल, राजकीय रेलवे पुलिस और अर्थ-सैन्य बलों के 15,000 अतिरिक्त कार्मिकों की तैनाती की गई थी। इसके अलावा, अन्य भीड़ वाले संवेदनशील रेलवे स्टेशनों अर्थात् वाराणसी, अयोध्या, पंडित दीनदयाल उपाध्याय दानापुर और नई दिल्ली आदि पर भी अतिरिक्त तैनाती की गई थी।

नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भीड़ प्रबंधन को लेकर वैष्णव ने कहा कि नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास की योजना में दोनों तरफ बड़े नए स्टेशन भवन, यात्रियों के लिए आधुनिक सुविधाओं से युक्त विशाल एयर कॉन्कोर्स, परिवहन के विभिन्न साधनों को जोड़ने वाला मल्टी मोडॉल ट्रांसपोर्ट हब और पार्किंग तथा अन्य सुविधाएं प्रदान करने की परिकल्पना की गई है। पुनर्विकसित स्टेशन में दो स्तरों पर आवागमन प्रदान करने के लिए और नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के आसपास के क्षेत्रों में भीड़-भाड़ कम करने के लिए सतही और एलिवेटेड सड़कों का एक नेटवर्क की परिकल्पना की गई है। पर्याप्त सुरक्षा उपायों जैसे सीसीटीवी कैमरे, आवागमन नियंत्रण, आवागमन विनियमन और प्रतीक्षा स्थान आदि की भी परिकल्पना की गई है।

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नई व्यवस्था के संबंध में निर्णय
उन्होंने कहा कि यात्रियों की अधिक भीड़ को संभालने के लिए रेलवे ‌द्वारा नई व्यवस्था के संबंध में निर्णय लिया गया है जिसमें 60 स्टेशनों पर स्थायी होल्डिंग क्षेत्र का निर्माण शामिल है। उन्होंने कहा कि 2024 के त्यौहारों के दौरान, स्टेशनों के बाहर होल्डिंग क्षेत्र बनाए गए। ये प्रतीक्षालय सूरत उधना, पटना और नई दिल्ली में भारी भीड़ को संभालने में सक्षम थे। यात्रियों को केवल तब अनुमति दी गई जब गाड़ी प्लेटफॉर्म पर आ चुकी थी।महाकुंभ के दौरान प्रयाग क्षेत्र के नौ स्टेशनों पर इसी तरह की व्यवस्था की गई थी। इन स्टेशनों पर प्राप्त अनुभव के आधार पर देश भर के 60 स्टेशनों पर जहां समय-समय पर अत्यधिक भीड़ होती है, वहां स्थायी प्रतीक्षालय बनाने का निर्णय लिया गया है।

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