मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य कर्मचारियों के हित में एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए कर्मचारियों की हड़ताल की असाधारण अवकाश अवधि को क्वालीफाइंग सर्विस के रूप में मान्यता देने की मंजूरी दी है। मुख्यमंत्री ने इस असाधारण अवकाश अवधि को वेतनवृद्धि सहित सभी प्रयोजनों के लिए सेवाकाल माने जाने की भी स्वीकृति दी है।
2018 को आदेश जारी किया था यह आदेश
बता दें कि गत सरकार के समय 5 अक्टूबर, 2018 को आदेश जारी कर कर्मचारियों की हड़ताल की अवधि को असाधारण अवकाश के रूप में स्वीकृत कर इस अवधि को क्वालीफाइंग सर्विस के लिए अमान्य करने का निर्णय किया गया था। इस पर मुख्यमंत्री ने बजट घोषणाओं 2022-23 पर चर्चा के दौरान अपने जवाब में सभी प्रयोजनों के लिए इस अवधि को सेवाकाल माने जाने की घोषणा की थी।
अन्य राज्यों में भी हो सकती है मांग
सरकार के इस निर्णय से किसी मुद्दे पर आंदोलन और हड़ताल करने की मानसिकता बढ़ सकती है। इसका दूरगामी परिणाम देखने को मिल सकता है। इसके साथ ही देश के अन्य राज्यों में भी इस तरह की मांग जोर पकड़ सकती है।