उज्जैन (Ujjain) में रक्षाबंधन (Rakshabandhan) पर 30 अगस्त की सुबह भस्म आरती के बाद बाबा महाकाल (baba mahakal) को पहली राखी (Rakhi) बांधी गई। इस मौके पर हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी सवा लाख लड्डुओं का भोग लगाया गया। मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं को प्रसादी स्वरूप लड्डू वितरित किए जाएंगे।
आभूषण युक्त थी राखी
रक्षाबंधन पर्व (Rakshabandhan festival) पर 30 अगस्त की सुबह महाकाल मंदिर में भस्म आरती (Bhasma Aarti) के बाद पुजारी परिवार ने परंपरागत रूप से बाबा महाकाल को राखी बांधी। तड़के ढाई बजे मंदिर के पट खुले और बाबा का जलाभिषेक, पंचामृत अभिषेक तथा पूजन सम्पन्न हुआ। इसके बाद तड़के बाबा महाकाल को राखी बांधी गई। दिलीप गुरु ने बताया कि पुजारी परिवार की 8 महिलाओं ने राखी बांधी जो रेशम, मुलायम वस्त्र एवं आभूषण युक्त थी। इस राखी का आकार 2 फिट का था। यह करीब 10 दिनों में तैयार हुई।
सवा लाख लड्डुओं का लगा भोग
बाबा महाकाल को रक्षाबंधन पर्व पर परंपरानुसार 30 अगस्त की सुबह सवा लाख लड्डुओं का भोग लगाया गया। भोग लगाने के बाद दर्शन करने आनेवाले श्रद्धालुओं (devotees) को प्रसादी वितरित की जाएगी। यह क्रम शयन आरती तक चलेगा।
इतनी सामग्री से बनता है लड्डू
दिलीप गुरु के अनुसार लड्डू निर्माण में 25 क्विंटल बेसन, 25 क्विंटल शक्कर, 20 क्विंटल शुद्ध घी, 03 क्विंटल काजू-किशमिश और 50 किग्रा इलाइची का उपयोग किया गया।
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