Ram Mandir Pran Pratistha: राममंदिर आंदोलन(Ram Mandir agitation) के दौरान जेल जाने वाले फिरोजाबाद के शिवचरन भारती(Shivcharan Bharti of Firozabad district) प्राण प्रतिष्ठा को लेकर काफी खुश हैं। उन्होंने कहा कि मैं सौभाग्यशाली हूं, मुझे भी राम मंदिर आंदोलन में कारसेवा का मौका(car service opportunity) मिला।
उन्होंने बताया कि जिस दिन विवादित ढांचा गिरा, वह उस दिन अयोध्या में ही थे। डर भी था, लेकिन मन प्रफुल्लित था कि विवादित ढांचा ढह रहा है। जब कुछ ही क्षणों में ढांचा ढह गया तो सबूत के तौर पर एक ईंट हम भी साथ लेकर आए।
सम्पूर्ण भारत में राम मंदिर निर्माण को लेकर चला था आंदोलन
फिरोजाबाद शहर के चंद्रवार गेट निवासी शिवचरन भारती (78) ने बताया कि सम्पूर्ण भारत में राम मंदिर निर्माण को लेकर आंदोलन चल रहा था। नगर के सदर बाजार स्थित प्रमुख राधाकृष्ण मंदिर में वह अरुण पालीवाल के साथ कीर्तन कर रहे थे। इसी दौरान थाना प्रभारी ध्रुवलाल यादव फोर्स के साथ आ धमके। पुलिस ने बिना बताए, राम भक्तों पर लाठीचार्ज कर दिया। पुलिस ने सभी को गिरफ्तार कर लिया और थाना मटसेना भेज दिया। वहां से उन्हें अस्थाई जेल हिरनगांव और फिर मैनपुरी जेल भेज दिया गया। मैनपुरी जेल से उन्हें फतेहगढ़ जेल भेज दिया गया।
जेल जाने के बाद भी जारी रखा आंदोलन
उन्होंने बताया कि हम लोगों को परिजन खोजते रहे, लेकिन कोई कुछ बताने को तैयार नहीं था। जेल जाने के बाद भी आंदोलन जारी रखा। 1992 में अयोध्या जाने को रेल व बस सेवाएं बंद कर दी गई थी। किसी तरह छिपते छिपाते हुए बलवीर सिंह कुशवाह के साथ अयोध्या पहुंचे और छह दिसंबर को विवादित ढांचा ढह जाने के बाद सबूत के तौर पर एक ईंट लेकर आए।
दर्शन करने को आतुर
श्री भारती ने कहा कि कारसेवक के रूप में हम सभी रामभक्तों का सपना आज पूरा हो रहा है। 22 जनवरी को राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा होगी। मेरी अंतिम इच्छा है कि रामलला के एक बार दर्शन का मौका मिले। मैं दर्शन करने अवश्य जाऊंगा।