Ram Mandir Violence : बलिदान देने वाले कारसेवकों की आत्मा की शांति के लिए अयोध्या में अनुष्ठान शुरू

श्रीराम जन्मभूमि मंदिर की रक्षा और पुनः प्राप्ति के लिए विगत 500 वर्षों में आत्मोत्सर्ग करने वाले हुतात्माओं की आत्मा की शांति के लिए मंगलवार (03 अक्टूबर) से वाल्मीकि रामायण एवं रामचरितमानस का नवाह्न पारायण प्रारम्भ किया गया है।

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श्रीराम जन्मभूमि मंदिर आंदोलन में बलिदान देने वाले कारसेवकों की आत्मा की शांति के लिए श्रीराम जन्मभूमि परिसर में मंगलवार से नौ दिवसीय अनुष्ठान शुरू किया गया है। यह जानकारी श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महामंत्री एवं विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय उपाध्यक्ष चम्पत राय ने दी।

चम्पत राय बताया कि श्रीराम जन्मभूमि मंदिर की रक्षा और पुनः प्राप्ति के लिए विगत 500 वर्षों में आत्मोत्सर्ग करने वाले हुतात्माओं की आत्मा की शांति के लिए मंगलवार (03 अक्टूबर) से वाल्मीकि रामायण एवं रामचरितमानस का नवाह्न पारायण प्रारम्भ किया गया है।

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श्रीराम मंदिर का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है
उन्होंने बताया कि अयोध्या में भव्य श्रीराम मंदिर का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। ऐसे में राम मंदिर आंदोलन में बलिदान हुए कारसेवकों का स्मरण करना जरूरी है। इस समय पितृ पक्ष चल रहा है। ऐसे समय में श्रीराम मंदिर के हुतात्माओं की आत्मा की शांति के लिए अनुष्ठान किया जा रहा है। पितृपक्ष के आखिरी दिन राम की पैड़ी पर राममंदिर आंदोलन में बलिदान हुए कारसेवकों की स्मृति में दीप प्रज्ज्वलित किए जाएंगे। अनुष्ठान में चंपत राय, विहिप के गोपाल एवं आशीष अग्निहोत्री समेत दर्जनों पुरोहित उपस्थित रहे।

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