Ramji aarti: भगवन श्री रामचंद्र जी की आरती, ‘श्री राम चंद्र कृपालु भजमन हरण भव भय दारुणम्’

राम आरती विशेष रूप से हिंदू मंदिरों और धार्मिक स्थलों पर की जाती है, जिसमें भगवान राम, माता सीता, भाई लक्ष्मण और भक्त हनुमान की पूजा की जाती है। 

25

Ramji aarti: राम आरती (Ram Aarti) भगवान श्रीराम की पूजा (worship of Lord Shri Ram) और आराधना के लिए किया जाने वाला एक भक्तिमय अनुष्ठान है।

यह आरती भगवान राम के प्रति श्रद्धा और उनके आदर्शों को स्मरण करने का एक पवित्र माध्यम है। राम आरती विशेष रूप से हिंदू मंदिरों और धार्मिक स्थलों पर की जाती है, जिसमें भगवान राम, माता सीता, भाई लक्ष्मण और भक्त हनुमान की पूजा की जाती है।

यह भी पढ़ें- Ranji Trophy: रोहित शर्मा ने मुंबई रणजी टीम के साथ किया अभ्यास, वीडियो देखें

आरती का महत्व
राम आरती का मुख्य उद्देश्य भगवान राम की महिमा का गुणगान करना और उनके आदर्शों को जीवन में आत्मसात करना है। भगवान राम को “मर्यादा पुरुषोत्तम” के रूप में जाना जाता है, और उनकी आरती में उनके जीवन की महान घटनाओं और उनकी दिव्यता का वर्णन किया जाता है।

यह भी पढ़ें- Smriti Mandhana: स्मृति ने जड़ा भारतीय महिला टीम के लिए सबसे तेज वनडे शतक, हरमनप्रीत कौर का तोड़ा रिकॉर्ड

आरती भगवान श्री रामचंद्रजी की

श्री राम चंद्र कृपालु भजमन हरण भव भय दारुणम्।
नवकंज लोचन कंज मुखकर, कंज पद कन्जारुणम्।।
कंदर्प अगणित अमित छवी नव नील नीरज सुन्दरम्।
पट्पीत मानहु तडित रूचि शुचि नौमी जनक सुतावरम्।।
भजु दीन बंधु दिनेश दानव दैत्य वंश निकंदनम्।
रघुनंद आनंद कंद कौशल चंद दशरथ नन्दनम्।।
सिर मुकुट कुण्डल तिलक चारु उदारू अंग विभूषणं।
आजानु भुज शर चाप धर संग्राम जित खर-धूषणं।।
इति वदति तुलसीदास शंकर शेष मुनि मन रंजनम्।
मम ह्रदय कुंज निवास कुरु कामादी खल दल गंजनम्।।
मनु जाहिं राचेऊ मिलिहि सो बरु सहज सुंदर सावरों।
करुना निधान सुजान सिलू सनेहू जानत रावरो।।
एही भांती गौरी असीस सुनी सिय सहित हिय हरषी अली।
तुलसी भवानी पूजि पूनी पूनी मुदित मन मंदिर चली।।
दोहा- जानि गौरी अनुकूल सिय हिय हरषु न जाइ कहि।
मंजुल मंगल मूल वाम अंग फरकन लगे।।

यह वीडियो भी देखें-

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.