उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के अयोध्या (Ayodhya) में बने भव्य राम मंदिर (Ram Temple) के अनुष्ठान (Rituals) का रविवार (21 जनवरी) को छठा दिन है। 22 जनवरी को रामलला के प्राण प्रतिष्ठा (Pran Pratishtha) में अब बस कुछ ही घंटे बचे हैं। इस बीच भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (Indian Space Research Organization) ने अंतरिक्ष से भव्य राम मंदिर की झलक दिखाई है। इसरो ने ये तस्वीरें अपने स्वदेशी उपग्रहों (Indigenous Satellites) का उपयोग करके ली हैं। इन सैटेलाइट तस्वीरों में दशरथ महल (Dashrath Mahal) और सरयू नदी (Saryu River) भी साफ नजर आ रही है। सैटेलाइट तस्वीर में पुनर्निर्मित अयोध्या रेलवे स्टेशन (Ayodhya Railway Station) भी दिखाया गया है। (Ram Mandir Satellite Photos)
भारत के इस समय अंतरिक्ष में 50 से अधिक उपग्रह हैं। उनमें से कुछ एक मीटर से भी कम चौड़े हैं। हैदराबाद स्थित भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के राष्ट्रीय रिमोट सेंसिंग सेंटर ने अयोध्या में भव्य श्री राम मंदिर की तस्वीर ली है।
#RamMandir from Space!@isro captures stunning satellite images of Ayodhya’s Ram Temple. The majestic Dashrath Mahal and the tranquil Saryu River take center stage in these snapshots. Notably, the recently revamped Ayodhya railway station stands out prominently in the detailed… pic.twitter.com/4Sn4R3JaZH
— MyGovIndia (@mygovindia) January 21, 2024
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राम मंदिर निर्माण में इसरो की अहम भूमिका
मंदिर निर्माण के अन्य चरणों में भी इसरो की तकनीक का उपयोग किया गया है। भगवान राम की मूर्ति रखने के लिए सटीक स्थान की पहचान करना इस भव्य परियोजना में प्रमुख चुनौतियों में से एक थी। मंदिर निर्माण की जिम्मेदारी सौंपा गया न्यासी बोर्ड मूर्ति को 3 फीट x 6 फीट की जगह पर रखना चाहता था, जहां माना जाता है कि भगवान राम का जन्म हुआ था।
सटीक स्थान की पहचान करने के लिए, निर्माण कंपनी लार्सन एंड टुब्रो के ठेकेदारों ने अत्याधुनिक डिफरेंशियल ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम – आधारित निर्देशांक का उपयोग किया। इसके लिए लगभग 1-3 सेमी के सटीक निर्देशांक तैयार किए गए थे। मंदिर के गर्भगृह में मूर्ति स्थापित करने के लिए इसरो ने इस प्रणाली को अपनाया।
स्वदेशी उपग्रह का उपयोग
इसरो द्वारा जारी सैटेलाइट तस्वीरों में 2.7 एकड़ में फैला श्रीराम मंदिर स्थल साफ देखा जा सकता है। भारतीय रिमोट सेंसिंग श्रृंखला के उपग्रहों का उपयोग करके एक विस्तृत दृश्य भी दिखाया गया है। अयोध्या में रामलला उत्सव से पहले भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने स्वदेशी उपग्रह का उपयोग करके अंतरिक्ष से भव्य राम मंदिर की पहली झलक दिखाई है।
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