कृषि शुल्क बढ़ोत्तरी के खिलाफ 15 फरवरी से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू हो गया। रांची का सबसे बड़ा मंडी पंडरा बाजार बंद रहा। आवक और जावक दोनों ही ठप पड़ गया। दूसरे राज्य से आई गाड़ियों पर सामान यूं ही लोड था। यहां हर रोज कोलकाता, छत्तीसगढ़, बिहार, ओडिशा, यूपी सहित अन्य कई राज्यों से सैकड़ों ट्रक सामान आता है, जिससे करोड़ों रुपए का कारोबार होता है। अनुमान है कि हड़ताल के पहले दिन करीब 100 करोड़ का नुकसान हुआ।
थोक और खुदरा व्यवसाय प्रभावित
व्यवसायियों की हड़ताल की वजह से रांची सहित पूरे राज्य में खाद्यान्न, सब्जी और फलों के थोक और खुदरा व्यवसाय प्रभावित हुए हैं। झारखंड चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष किशोर मंत्री ने मीडिया से कहा कि कृषि शुल्क बढ़ोत्तरी से आम लोगों पर महंगाई का बोझ बढ़ेगा। सामानों के दाम बढ़ेंगे और सरकार को जितनी राजस्व मिलने की उम्मीद है, उससे ज्यादा नुकसान होगा। उन्होंने कहा कि इस हड़ताल में वैसे सभी लोग शामिल हैं, जो खाद्यान्नों के थोक व्यवसाई करते हैं। राज्य भर में खाद्यान्नों का आवक और जावक पूरी तरह से ठप है।
कृषि शुल्क बढ़ोत्तरी का विरोध
पंडरा बाजार समिति के अध्यक्ष संजय कुमार माहुरी ने कहा कि जिस तरह से सरकार ने कृषि शुल्क बढ़ोतरी की है, उसका हर कोई विरोध कर रहा है। नतीजा बाजार समिति की सभी दुकानें बंद है। झारखंड चेंबर ऑफ कॉमर्स के संयुक्त सचिव शैलेश अग्रवाल ने कहा कि यदि यही स्थिति रही तो राज्य में भयावह स्थिति उत्पन्न हो जाएगी। उनका दावा था कि हड़ताल की वजह से हर रोज 100 करोड़ का कारोबार प्रभावित हो सकता है।