धर्म नगरी काशी के लक्खा मेले में शुमार तीन दिवसीय रथयात्रा मेले के अन्तिम दिन 3 जुलाई को श्वेत वस्त्रधारी भगवान जगन्नाथ, भइया बलभद्र, बहन सुभद्रा की अलौकिक झांकी देखने आस्था का जन सैलाब उमड़ पड़ा। हल्की बूंदाबांदी के बीच लोग भगवान के विग्रह की झलक पाकर आह्लादित होते रहे। इसके पूर्व तड़के भगवान जगन्नाथ और उनके परिवार के विग्रह को श्वेत वस्त्र धारण कराकर पूजन-अर्चन के बाद 56 व्यजंनों का भोग लगाया गया। मंगला आरती की गयी।
इसके बाद रथ का पट आम लोगों के दर्शन के लिए पुजारी ने खोल दिया। फिर पहले से ही मौजूद भक्तों में रथ का स्पर्श करने और प्रभु जगन्नाथ के चरणों में तुलसी दल अर्पित करने की होड़ मच गई। दिन चढ़ने के साथ भीड़ बढ़ती गयी। दोपहर में भगवान इन्द्र ने भी प्रभु के जलाभिषेक के लिए बूंदाबांदी की।
बारिश के आसार के बाद भी श्रद्धालुओं के कदम मेला क्षेत्र की ओर बढ़ते रहे। मेले में पूर्वान्ह 11.30 बजे भगवान के रथ को खींच कर भक्त रथयात्रा चौराहे पर ले आए। दोपहर 12 बजे भोग व आरती के पश्चात पट बंद कर दिया गया। अपरान्ह तीन बजे आरती के साथ पुन: दर्शन शुरू हुआ । इसके बाद आठ बजे आरती, रात 12 बजे शयन आरती होगी। सोमवार को भोर में भगवान जगन्नाथ, भाई बलभद्र, बहन सुभद्रा के विग्रह को डोली में सवार करा कर वापस अस्सी स्थित जगन्नाथ मंदिर में ले जाया जायेगा। उधर, रथयात्रा मेले में अन्तिम दिन रंगत और निखर गई। जिसके चलते रथयात्रा चौराहे से पहले सड़क पर ही लंबी कतार लगी रही। लोग रथ का परिक्रमा कर भगवान का दर्शन पूजन करते रहे।
संकल्प अन्न क्षेत्र ने भगवान जगन्नाथ को चढ़ाया माखन मिश्री का भोग
सामाजिक संस्था संकल्प अन्न क्षेत्र ने रथयात्रा मेले के अन्तिम दिन भगवान जगन्नाथ को माखन मिश्री का भोग चढ़ा कर इसे श्रद्धालुओं में वितरित किया। संस्था के संरक्षक अनिल कुमार जैन ने अन्य सदस्यों के साथ भगवान जगन्नाथ, बलभद्र एवं सुभद्रा के विग्रह का पूजन अर्चन कर माखन मिश्री , बुंदिया, आम, जगन्नाथी पान व नान खटाई का भोग अर्पित किया । इस दौरान मेले में श्रद्धालुओं व मेले के दुकानदारों में संकल्प के सदस्यों ने कोरोना से बचाव के लिए मास्क भी वितरित किया।