रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की तीन दिवसीय समीक्षा बैठक 5-7 दिसंबर के बीच होगी। रिजर्व बैंक गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता में होने वाली इस द्विमासिक समीक्षा बैठक में नीतिगत ब्याज दर (रेपो रेट) में 0.35 फीसदी इजाफा होने की संभावना है।
बैंकिंग क्षेत्र के जानकारों ने 2 दिसंबर को बताया कि रिजर्व बैंक की छह सदस्यों वाली मौद्रिक नीति समिति रेपो रेट में 0.35 फीसदी की बढ़ोतरी कर सकती है। हालांकि, आरबीआई इसके बाद रेपो दर में बढ़ोतरी से बच सकता है। रिजर्व बैंक ने इससे पिछली बैठक (30 सितंबर) में खुदरा महंगाई दर को नियंत्रित करने के लिए रेपो दर में 0.50 फीसदी का इजाफा किया था।
रेपो रेट में पहले भी की जा चुकी है वृद्धि
आरबीआई इससे पहले मई में रेपो रेट में 0.40 फीसदी, जून में 0.50 फीसदी और अगस्त में 0.50 फीसदी और सितंबर में 0.50 फीसदी की बढ़ोतरी कर चुका है। इस तरह वित्त वर्ष 2022-23 में आरबीआई ने रेपो रेट में मई से लेकर अबतक 1.90 फीसदी की बढ़ोतरी की है, जो बढ़कर अभी 5.90 फीसदी के स्तर पर है।
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महंगाई पर नियंत्रण के प्रयास का मामूली असर
उल्लेखनीय है कि आरबीआई का महंगाई पर नियंत्रण के प्रयास का मामूली असर दिखने लगा है। अक्टूबर महीने में खुदरा महंगाई दर घटकर तीन महीने के निचले स्तर 6.77 फीसदी पर आ गई है। हालांकि, अभी यह आरबीआई के संतोषजनक दायरे की उच्च सीमा 6 फीसदी से ऊपर बरकरार है।