निजी क्षेत्र के एचडीएफसी बैंक का अपने पैरेंट (मूल) कंपनी एचडीएफसी लिमिटेड में विलय के प्रस्ताव का रास्ता साफ हो गया है। बैंक नियामक रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) से इसकी मंजूरी मिल गई है। एचडीएफसी बैंक ने 5 जुलाई को रेग्युलेटरी फाइलिंग में शेयर बाजार को यह जानकारी दी।
एचडीएफसी बैंक ने एक बयान में कहा कि उसकी मूल कंपनी एचडीएफसी के साथ विलय प्रस्ताव का आरबीआई की मंजूरी का पत्र 4 जुलाई, 2022 का पत्र मिल चुका है, जिसमें रिजर्व बैंक ने योजना के लिए अपनी ‘अनापत्ति’ व्यक्त की है। हालांकि, आरबीआई ने इसके लिए कुछ शर्तों का उसमें उल्लेख किया है। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) से पहले ही इसकी मंजूरी मिल चुकी है।
एचडीएफसी बैंक और एचडीएफसी लिमिटेड के विलय का ऐलान
एचडीएफसी बैंक के मुताबिक इस विलय प्रस्ताव के लिए कुछ वैधानिक और नियामक मंजूरियां लेनी होंगी। दरअसल, यह विलय प्रस्ताव भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई), राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (एसीएलटी), अन्य प्राधिकरणों, संबंधित शेयरधारकों और कंपनियों के लेनदारों सहित विभिन्न वैधानिक तथा रेग्युलेटरी मंजूरी के अधीन है। उल्लेखनीय है कि 4 अप्रैल, 2022 को एचडीएफसी बैंक और एचडीएफसी लिमिटेड के विलय का ऐलान किया गया था।
एचडीएफसी बैंक का आकार आईसीआईसीआई बैंक से होगा दोगुना
उल्लेखनीय है कि यह विलय प्रस्ताव भारत के कॉर्पोरेट इतिहास में सबसे बड़े लेन-देन के तौर पर माना जा रहा है। विलय के बाद एचडीएफसी बैंक का आकार आईसीआईसीआई बैंक से दोगुना हो जाएगा। एचडीएफसी और एचडीएफसी बैंक का विलय होने के बाद दोनों कंपनियों की संयुक्त सम्पत्ति 17.87 लाख करोड़ रुपये होगी, जबकि कंपनी का नेटवर्थ लगभग 3.3 लाख करोड़ रुपये हो जाएगा। वित्त वर्ष 2024 की दूसरी या तीसरी तिमाही तक इस विलय की प्रक्रिया पूरी होने की संभावना है।