मध्य प्रदेश सरकार ने मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग की परीक्षाओं के लिए अभ्यर्थियों की अधिकतम आयु सीमा में तीन वर्ष की बढ़ाने का फैसला किया है। मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद राज्य के सामान्य प्रशासन विभाग ने इस आशय का आदेश जारी कर दिया है। आदेश में कहा गया है कि अभ्यर्थियों के हितों को ध्यान में रखते हुए दिसंबर, 2023 तक अधिकतम आयु सीमा में तीन वर्ष की छूट दी जा रही है।
मुख्यमंत्री चौहान ने ट्वीट कर कहा कि कोविड-19 के चलते पीएससी की परीक्षाएं न होने पर पात्र युवा आयु सीमा पार कर गए हैं। उनके साथ न्याय करने के लिए उनकी मांगों के आधार पर पीएससी की परीक्षा में केवल एक वर्ष के लिए आवेदक की अधिकतम आयु सीमा तीन साल बढ़ाने का फैसला लिया गया है।
उल्लेखनीय है कि मध्य प्रदेश में एमपी-पीएससी के जरिए राजपत्रित, अराजपत्रित और कार्यपालिक पदों के लिए भर्तियां विभागीय स्तर पर की जाती हैं। प्रदेश सरकार ने तीन साल पहले एमपी-पीएससी की भर्ती परीक्षाओं में प्रदेश के मूल निवासियों के लिए सभी पदों पर नियुक्ति की अधिकतम आयु सीमा को 35 साल से बढ़ाकर 40 वर्ष कर दिया था। यानी पीएससी के जरिए भरे जाने वाले पदों के लिए आयु सीमा 18 वर्ष से 40 वर्ष निर्धारित की गई थी, जबकि इन भर्तियों में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, नि:शक्तजन और महिलाओं को 5 वर्ष की अतिरिक्त छूट मिलती है। यानी इन वर्षों के लिए एमपी-पीएससी की परीक्षा के लिए अधिकतम आयु सीमा 45 वर्ष निर्धारित थी।
आयु सीमा में रियायत बरतने को लेकर मांग
कोरोना काल के दौरान पिछले तीन साल से एमपी-पीएससी की परीक्षाएं स्थगित कर दी गई थीं। इसके चलते कई उम्मीदवार उम्र अधिक होने के कारण बाहर हो गए। उम्मीदवार लगातार सीएम से आयु सीमा में रियायत बरतने को लेकर मांग कर रहे थे। अब राज्य सरकार ने इस अधिकतम आयु सीमा में एक साल के लिए तीन साल की बढ़ोतरी की है। इस लिहाज से सामान्य वर्ग के 43 साल के युवा एमपी-पीएससी की परीक्षा दे सकेंगे, जबकि अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, नि:शक्तजन और महिला अभ्यथियों के लिए यह आयु सीमा 48 साल होगी।