आयकरदाताओं को सरकार से राहत, अब 31 दिसंबर तक दाखिल कर सकते हैं आईटीआर; यहां जानें जानकारी

बिना किसी जुर्माने के आईटीआर दाखिल करने की तारीख बढ़ा दी गई है।

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इनकम टैक्स रिटर्न (Income Tax Return) दाखिल करने वालों के लिए बड़ी खबर है। जैसा कि हम सभी जानते हैं कि सरकार (Government) की ओर से आईटीआर दाखिल (ITR Filing) करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई 2023 थी और इस तारीख के बाद 31 दिसंबर तक टैक्स रिटर्न (Tax Return) दाखिल करने वालों को 5000 रुपये का जुर्माना (Penalty) देना होगा, लेकिन अब आपके लिए अच्छी खबर आई है। अब कई लोगों को 31 जुलाई के बाद भी आईटीआर दाखिल करने पर कोई जुर्माना नहीं देना होगा। अब आयकर विभाग की ओर से एक बड़ा फैसला लिया गया है।

आपको बता दें कि कई राज्यों में बाढ़ के कारण लोग अपना रिटर्न दाखिल नहीं कर पाए और बार-बार तारीख बढ़ाने के अनुरोध के बाद भी सरकार ने तारीख नहीं बढ़ाई। इस बीच अब आयकर विभाग ने बताया है कि आईटीआर दाखिल करने पर आपको कोई जुर्माना नहीं देना होगा।

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विलंब शुल्क का भुगतान करने की आवश्यकता नहीं
अगर आप भी आईटीआर फाइल करने से रह गए हैं और इस समय पेनाल्टी के साथ बिलेटेड आईटीआर फाइल करने की योजना बना रहे हैं तो उससे पहले सारी जानकारी जान लें। आयकर अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार, समय सीमा समाप्त होने के बाद आईटीआर दाखिल करने के लिए हर किसी के लिए विलंब शुल्क का भुगतान करना आवश्यक नहीं है।

किसे नहीं देना पड़ता है जुर्माना?
आपको बता दें कि अगर किसी व्यक्ति की सकल कुल आय मूल छूट सीमा से अधिक नहीं है, तो उसे देर से आईटीआर दाखिल करते समय जुर्माना नहीं देना होगा। इस छूट का उल्लेख आयकर अधिनियम की धारा 234F में किया गया है।

जानिए आईटीआर वेरिफिकेशन का तरीका
इनकम टैक्स रिटर्न वेरिफाई करना (ITR Verification) अब बहुत आसान हो गया है। कोई भी टैक्सपेयर आधार, बैंक अकाउंट, डीमैट अकाउंट, नेट बैंकिंग जैसे कई विकल्पों का उपयोग करके मिनटों में अपने आईटीआर को ऑनलाइन सत्यापित कर सकता है। इन प्रोसेस में आपके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर ओ.टी.पी आता है। इसे दर्ज कर सबमिट करते ही सत्यापन पूरा हो जाता है। अगर आपका रिफंड बन रहा है तो बिना वेरिफिकेशन के वह भी आपको नहीं मिलेगा।

5 लाख तक की मिलेगी छूट
आपको बता दें कि इनकम टैक्स की नई कर व्यवस्था के तहत आपको मिलने वाली व्यक्तिगत मूल छूट 3 लाख रुपये है। वहीं, पुरानी टैक्स व्यवस्था में उम्र के हिसाब से मूल छूट सीमा अलग-अलग हो सकती है। इसमें 60 साल तक के लोगों को 2.5 लाख रुपये और 60 से 80 साल के लोगों को 3 लाख रुपये तक की छूट मिलती है। 80 साल से ज्यादा उम्र वालों को 5 लाख तक की छूट मिलती है।

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