सबरीमाला मंदिर में एंट्री का मामला क्यों पहुंचा सुप्रीम कोर्ट?

केरल के सबरीमाला मंदिर में प्रतिदिन दर्शनार्थियों की संख्या को लेकर केरल उच्च न्यायालय ने एक आदेश दिया था। जिसमें प्रतिदिन पांच हजार यात्रियों को दर्शन की अनुमति दी गई थी। उच्च न्यायालय के इस निर्णय को केरल सरकार की ओर से सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी गई है।

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सबरीमाला मंदिर में दर्शनार्थियों की संख्या को लेकर केरल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। केरल सरकार ने उच्च न्यायालय के निर्णय को चुनौती दी है। जिसमें सबरीमाला मंदिर के तीर्थ यात्रियों की संख्या में बढ़ोतरी की अनुमति दी गई थी।

केरल के सबरीमाला मंदिर में प्रतिदिन दर्शनार्थियों की संख्या को लेकर केरल उच्च न्यायालय ने एक आदेश दिया था। जिसमें प्रतिदिन पांच हजार यात्रियों को दर्शन की अनुमति दी गई थी। उच्च न्यायालय के इस निर्णय को केरल सरकार की ओर से सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी गई है। केरल के मुख्य सचिव द्वारा याचिका में प्रतिदिन दर्शनार्थियों की संख्या दो हजार और सप्ताहांत के दिन तीन हजार करने की मांग की गई है।

प्रशासन की ये है दलील

20 दिसंबर से 14 जनवरी के मध्य होना है सबरीमाला उत्सव
राज्य सरकार ने गठित की है उच्च स्तरीय समिति
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा बनाई गई रिपोर्ट
कोरोना से तीर्थ यात्रियों के बचाव को लेकर रपोर्ट
उच्च न्यायालय ने निर्णय में स्वास्थ्य रिपोर्ट का नहीं लिया संज्ञान
स्वास्थ्य अधिकारियों और दर्शनार्थियों के कोरोना संक्रमण पर थी रिपोर्ट
पांच हजार की क्षमता बढ़ाने से सुरक्षा पर तनाव
पुलिस और स्वास्थ्य अधिकारियों पर बढ़ेगा दबाव
कोरोना रोकथाम में होगी दिक्कत

ऐसे होंगे दर्शन

दर्शन 26 दिसंबर से शुरू होंगे
तीर्थ यात्रियों के पास आरटी-पीसीआर निगेटिव रिपोर्ट आवश्यक
वर्चुअल बुकिंग के माध्यम से होगा पंजीयन
पांच हजार तीर्थ यात्रियों को एक दिन में अनुमति

 

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