प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लोकतंत्र की भावना को मजबूत करने में पंचायती राज संस्थाओं की भूमिका को अहम बताते हुए कहा कि आजादी का ये अमृतकाल भारत का स्वर्णिम काल होने वाला है। ये संकल्प सबका प्रयास से सिद्ध होने वाला है। इसमें लोकतंत्र की सबसे जमीनी ईकाई, ग्राम पंचायत की भूमिका बहुत अहम है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार योजना बनाने से लेकर गांवों में विकास परियोजनाओं के क्रियान्वयन तक में पंचायत की भूमिका बढ़ाना चाहती है। इससे राष्ट्रीय संकल्पों की सिद्धि में पंचायत अहम कड़ी बनकर उभरेगी। राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री 24 अप्रैल को सांबा जिले की पल्ली पंचायत में आयोजित राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस समारोह को संबोधित कर रहे थे।
संबोधन की खास बातेंः
-प्रधानमंत्री ने देशभर की ग्राम पंचायतों से कुपोषण और एनीमिया के बारे में जागरूकता पैदा करने का आह्वान करते हुए कहा कि जब तक हम इन बुराइयों से मुक्त नहीं हो जाते, हमें अपने प्रयास जारी रखने चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने का आह्वान करते हुए कहा कि खेती में इस्तेमाल होने वाले रसायन हमारी धरती मां को नुकसान पहुंचा रहे हैं। हमें अपनी जमीन को रासायनिक उर्वरकों से बचाने और प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने की जरूरत है।
-आजादी के 75वें साल (अमृत महोत्सव) में देश के प्रत्येक जिले में एक अमृत सरोवर बनाने के संकल्प को दोहराते हुए उन्होंने कहा कि मैं आप सभी से हमारे स्वतंत्रता सेनानियों के नाम पर अमृत सरोवर विकसित करने में मदद करने का आग्रह करता हूं।
-प्रधानमंत्री ने इससे पहले जम्मू कश्मीर में कनेक्टिविटी और बिजली से जुड़े लगभग 20,000 करोड़ रुपये की विभिन्न विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। विकास और रोजगार सृजन के लिहाज से आज के दिन को अहम बताते हुए उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर के विकास को नई गति देने के लिए तेजी से काम चल रहा है और इन प्रयासों से यहां नौजवानों को रोजगार मिलेगा।
-उन्होंने कहा कि आज अनेक परिवारों को गांवों में उनके घर के प्रॉपर्टी कार्ड भी मिले हैं। ये स्वामित्व कार्ड गांवों में नई संभावनाओं को प्रेरित करेंगे। 100 जनऔषधि केंद्र जम्मू कश्मीर के गरीब और मिडिल क्लास को सस्ती दवाएं, सस्ता सर्जिकल सामान देने का माध्यम बनेंगे।
-प्रधानमंत्री ने कहा कि पल्ली पंचायत देश की पहली कार्बन न्यूट्रल पंचायत बनने की तरफ बढ़ रही है। इस बार का पंचायती राज दिवस, जम्मू कश्मीर में मनाया जाना, एक बड़े बदलाव का प्रतीक है। ये बहुत ही गर्व की बात है, कि जब लोकतंत्र जम्मू कश्मीर में ग्रास रूट तक पहुंचा है, तब यहां से मैं देशभर की पंचायतों से संवाद कर रहा हूं। प्रधानमंत्री ने कहा कि बात डेमोक्रेसी की हो या संकल्प डेवलपमेंट का, आज जम्मू कश्मीर नया उदाहरण प्रस्तुत कर रहा है। बीते 2-3 सालों में जम्मू कश्मीर में विकास के नए आयाम बने हैं।
-प्रधानमंत्री ने कहा कि जम्मू कश्मीर अब तक पंचायत राज व्यवस्था से वंचित था। यहां पंचायत व्यवस्था लागू करने के केवल ढोल पीटे गए। उन्होंने कहा कि यह बहुत गर्व की बात है कि आज जम्मू-कश्मीर में लोकतंत्र जमीनी स्तर पर पहुंच गया है। केंद्र सरकार की योजनाओं को जम्मू-कश्मीर में तेजी से लागू किया जा रहा है और लोगों को फायदा हो रहा है।
-प्रधानमंत्री ने कहा कि जम्मू से अनुच्छेद 370 हटने से महिलाओं, दलितों और बाल्मिकि समाज को उनके अधिकार मिले हैं। जम्मू-कश्मीर में सालों तक जिन्हें आरक्षण का लाभ नहीं मिला, अब उन्हें भी आरक्षण का लाभ मिल रहा है। दशकों-दशक से जो बेड़ियां वाल्मीकि समाज के पांव में डाल दी गई थीं, उनसे वो मुक्त हुआ है। आज हर समाज के बेटे-बेटियां अपने सपनों को पूरा कर पा रहे हैं।
-प्रधानमंत्री ने पिछली सरकारों पर निशाना साधते हुए कहा कि पहले जम्मू-कश्मीर के लिए केवल 5000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे, लेकिन आज राज्य को विकास के लिए 22000 करोड़ रुपये का बजट मिला है। उन्होंने कहा कि इससे पहले जम्मू-कश्मीर के विकास के लिए शुरू की गई एक फाइल को राज्य तक पहुंचने में 2-3 महीने लगते थे। आज यह तीन सप्ताह के भीतर यहां पहुंचती है।
-प्रधानमंत्री ने यहां आने वाले पर्यटकों की संख्या में वृद्धि पर प्रसन्नता जाहिर करते हुए कहा कि अगले साल जून, जुलाई तक टूरिस्ट स्पॉट बुक कर लिए गए हैं।
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