आम आदमी को महंगाई का एक और झटका लगा है। एक बार फिर रेपो दर में बढ़ोत्तरी की गई है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने लगातार पांचवीं बार नीतिगत ब्याज दर रेपो दर में 0.35 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी की है। इसके साथ ही रेपो रेट 5.90 से बढ़कर 6.25 फीसदी हो गया। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक के बाद यह घोषणा की। रेपो रेट बढ़ने से सभी तरह के कर्ज महंगे हो जाएंगे, इसका असर आम आदमी पर पड़ेगा।
महंगे हो जाएंगे लोन
रिजर्व बैंक के इस फैसले से अब होम लोन सहित अन्य लोन महंगे हो जाएंगे। पिछले सात महीनों में आरबीआई की ओर से ब्याज दरों में की गई यह पांचवीं वृद्धि है। इससे पहले आरबीआई ने मई में रेपो रेट में 0.40 फीसदी, जून में 0.50 फीसदी, अगस्त में 0.50 फीसदी और सितंबर में 0.50 फीसदी की बढ़ोत्तरी की थी।
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आर्थिक वृद्धि दर का अनुमान घटाया
एमपीसी की तीन दिवसीय बैठक के बाद बुधवार को आयोजित संवाददाता सम्मेलन में आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास कहा कि बढ़ती महंगाई को देखते हुए रेपो रेट में एक बार फिर 0.35 फीसदी की बढ़ोत्तरी की जा रही है। इसके साथ ही शक्तिकांत दास ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए जीडीपी वृद्धि दर के अनुमान को 7 फीसदी से घटाकर 6.8 फीसदी कर दिया है। दास ने कहा कि वैश्विक अनिश्चितता के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत है। उन्होंने कहा कि यह कदम वैश्विक अनिश्चितता की स्थिति में मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के उद्देश्य से उठाया गया है। उन्होंने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था में अनिश्चितता, खाद्यान्न की कमी और ईंधन की ऊंची कीमतों से गरीबों पर सबसे ज्यादा मार पड़ी है।