महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने 18 अगस्त को पूरे देश भर में बाल संरक्षण, बाल सुरक्षा तथा बाल कल्याण वत्सल भारत पर छठी क्षेत्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया। वाराणसी में बीएचयू स्थित स्वतंत्रता भवन सभागार में आयोजित संगोष्ठी में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो ने भी भागीदारी की। संगोष्ठी में प्रियांक कानूनगो ने कहा कि वर्ष 2014 के बाद से अब तक बाल कल्याण के लिए कई महत्वपूर्ण कार्य किए गए हैं। मिशन वात्सल्य और किशोर न्याय अधिनियम में बदलाव के कारण बाल संरक्षण कार्यकर्ताओं का सम्मान भी बढ़ा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दूरदर्शी सोच का कारण
प्रियांक कानूनगो ने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दूरदर्शी सोच के कारण पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रेन जैसी महत्वाकांक्षी योजना बन पाई। भारत का किशोर न्याय अधिनियम काफी वृहद है, हम सबों को मिलकर इसके लिए धरातल पर काम करना है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2022 किशोर न्याय नियमों में उल्लिखित दिशा निर्देशों के तहत, बच्चों के अंतर-जिला और अंतर-राज्य स्थानांतरण के लिए एक प्रोटोकॉल स्थापित किया गया था। इस पहल में राष्ट्रीय बाल आयोग और राज्य बाल आयोग का सहयोग शामिल था।
श्री काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर को चाइल्ड फ्रेंडली
संगोष्ठी में “भारत वत्सल” कार्यक्रम में बाल भिक्षावृत्ति और बाल श्रम मुक्त अभियान मे बेहतरीन प्रदर्शन करने तथा भारत वर्ष में चिन्हित प्रमुख 51 धर्म स्थलों में से श्री काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर को चाइल्ड फ्रेंडली, बाल भिक्षावृत्ति और बाल श्रम मुक्त बनाए जाने पर प्रथम स्थान प्राप्त किया। इसके लिए राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग नई दिल्ली तथा महिला एवं बाल विकास मंत्रालय भारत सरकार की ओर से वाराणसी के मुख्य विकास अधिकारी हिमांशु नागपाल को मंच पर अवार्ड देकर पुरस्कृत किया गया । संगोष्ठी में बाल कल्याण समितियों, किशोर न्याय बोर्ड, ग्राम बाल संरक्षण समिति के सदस्यों और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं सहित 1500 से अधिक प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।
संगोष्ठी में आए अतिथियों का स्वागत महिला एवं बाल विकास मंत्रालय (एमडब्ल्यूसीडी) में अतिरिक्त सचिव संजीव कुमार चड्ढा ने किया। उन्होंने बताया कि यह कार्यक्रम बाल संरक्षण, बाल सुरक्षा और बाल कल्याण मुद्दों के बारे में जागरूकता और पहुंच बढ़ाने के लिए देश भर में आयोजित होने वाली क्षेत्रीय संगोष्ठियों की श्रृंखला का खास हिस्सा है।
सांस्कृतिक कार्यक्रम से गोष्ठी की हुई शुरुआत
संगोष्ठी का शुभारंभ सांस्कृतिक मंत्रालय के तरफ से आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम से हुआ। “राग अहीर भैरव” की प्रस्तुति बीएचयू के शोध गंगा कलाकारों ने की। द्वितीय प्रस्तुति भरत नाट्यम, तृतीय प्रस्तुति राहुल मुखर्जी की टीम के ओडिसी नृत्य से हुई। कलाकारों ने वंदे मातरम् की गीत पर सुन्दर प्रस्तुति कर लोगों का ध्यान आकर्षित किया। चौथी प्रस्तुति आर्य समूह की कलाकारों ने काशी के सांस्कृतिक और बाबा भोलेनाथ पर आधारित प्रस्तुति देकर सभी को भाव विभोर कर दिया।