अब आप एक क्लिक पर उत्तराखंड के सभी ऐतिहासिक व पौराणिक मन्दिर से जुड़ पाएंगे। डिजिटल तकनीक के माध्यम से धार्मिक स्थलों, वहां के परिदृश्यों व उनके ऐतिहासिक महत्व को दर्शाने के लिए आईडीएमसी ने श्री मन्दिर नाम से एक एप लांच किया है। इसे आज के डिजिल युग में सनातन धर्म की धरोहर को संरक्षित करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
ये है उद्देश्य
3 अक्टूबर को प्रेस क्लब हरिद्वार में श्री मन्दिर संस्थान एवं आईडीएमसी के निदेशक प्रशांत सचान ने पत्रकार वार्ता के दौरान बताया कि देवभूमि उत्तराखंड देश-विदेश के भक्तों के लिए एक बड़ा आस्था का केंद्र है, करोड़ों हिन्दुओं की आस्था इस पावन भूमि से जुड़ी हुई है। जहां प्रत्येक वर्ष करीब 5 से 6 करोड़ श्रद्धालु उत्तराखंड की पारंपरिक विरासत व मंदिरों के दर्शन के लिए आते हैं, लेकिन कई बार वह इन स्थलों पर किन्हीं कारणों से नहीं पहुंच पाते हैं, जिसके लिए डिजिटल रूप से इन मंदिरों को ऐसे सभी भक्तों तक पहुंचाना ही श्रीमंदिर संस्थान का प्रमुख उद्देश्य है। ताकि कि ये सभी लोग अपने इष्ट देव व उनके प्रसिद्ध मंदिरों से जुड़ सकें।
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पौराणिक व ऐतिहासिक मन्दिरों को इस डिजिटल ऐप
उन्होंने बताया कि जैसे देश के कई राज्यों में स्थित पौराणिक व ऐतिहासिक मन्दिरों को इस डिजिटल ऐप के माध्यम से जोड़ा गया है। इसी भांति देवभूमि उत्तराखंड के मानसखंड मंदिर माला और शक्तिपीठ सहित 100 से अधिक मंदिरों का डिजिटलीकरण किया जाएगा। इसके सहयोग के लिए हम उत्तराखंड सरकार का आभार व्यक्त करते हैं।
अंतरराष्ट्रीय डिजिटल मंदिर कनेक्ट कॉन्क्लेव 2023
उन्होंने बताया कि इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए श्री मन्दिर संस्थान की ओर से अंतरराष्ट्रीय डिजिटल मंदिर कनेक्ट कॉन्क्लेव 2023 का आगामी 5 अक्टूबर को आयोजन होने जा रहा है, जिसमें इस ऐप के बारे में विस्तार से चर्चा की जाएगी। इस कॉन्क्लेव में बतौर मुख्य अतिथि उत्तराखंड सरकार में वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल, पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष- भाजपा श्याम जाजू,सांसद डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक, दुष्यंत गौतम, स्वामी डॉ. राम विलास वेदांती, चिदानंद सरस्वती, महन्त रविन्द्र पुरी, महंत राजू दास, प्रदेश अध्यक्ष भाजपा महेंद्र भट्ट,विधायक आदेश चौहान, हनी पाठक व प्रशांत सचान, सुमीत अंकुर आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहेंगे।