राज्य में बिजली बिल का बकाया तेजी से बढ़ रहा है। फिलहाल यह बकाया 63,000 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। अगर इसी तरह बकाया बढ़ता रहा तो एमएसईडीसीएल कार्यालय को बंद करने की नौबत आ सकती है। इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने 14 सितंबर को ऊर्जा विभाग की आपात बैठक बुलाई है। बैठक में इस बात पर चर्चा होने की उम्मीद है कि बिजली बकाया इतना कैसे बढ़ा और वसूली के लिए क्या विकल्प हैं।
लॉकडाउन के दौरान बढ़ा 8,000 रुपये का बकाया
इस बीच, 1 अप्रैल, 2020 से 30 अक्टूबर के बीच, बिजली बकाया में भारी वृद्धि के कारण बकाया का आंकड़ा 8,000 करोड़ रुपए बढ़ गया है। तत्कालीन ऊर्जा मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने घोषणा की थी कि अगर किसान बिजली का भुगतान नहीं करते हैं, तो भी उनकी बिजली आपूर्ति जारी रहेगी। इसलिए अब 10,000 करोड़ रुपये का बकाया 40,000 रुपये तक पहुंच गया है।
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ऐसा है बकाया!
- औद्योगिक क्षेत्र – 2,917 करोड़
- कॉमर्स – 822 करोड़
- सार्वजनिक जल आपूर्ति – 2,258 करोड़
- कृषि – 39,157 करोड़
- घरेलू – 3,264 करोड़
- स्ट्रीट लाइट -6,271 करोड़
- लोक सेवा – 235 करोड़