खादी (Khadi) के साथ-साथ रेशम (Silk) को भी उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की पहचान बनाने की कवायद शुरू हो गई है। राज्य के रेशम उत्पादन की ख्याति विदेशों तक पहुंचेगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) पहली बार नवोन्वेषी एवं डिजाइनर उत्पाद एवं रेशम निर्माताओं को रेशम रत्न पुरस्कार (Resham Ratna Award) से सम्मानित करेंगे। इसके लिए एक भव्य आयोजन किया जाना है। इसमें विभिन्न श्रेणियों के 16 लाभार्थियों को पुरस्कृत किया जाएगा। रेशम विभाग के निदेशक एवं विशेष सचिव सुनील कुमार वर्मा के मुताबिक इसके लिए आवेदन भी शुरू हो चुका है जो ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों तरह से किया जा सकता है। लोग आवेदन फार्म 10 अक्टूबर तक रेशम निदेशालय लखनऊ भेज सकते हैं।
रेशम विभाग के निदेशक सुनील कुमार वर्मा के मुताबिक इन विषयों पर रेशम एवं एमएसएमई मंत्री राकेश सचान से विचार-विमर्श के बाद ये फैसले लिये गये हैं। हाल ही में इंटरनेशनल ट्रेड शो की सफलता के बाद नवंबर में लखनऊ में सिल्क शो की तैयारियां शुरू हो गई हैं। पहली बार कर्नाटक, असम, झारखंड, तमिलनाडु, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के रेशम की सभी किस्में एक साथ देखी जा सकेंगी।
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रेशम उत्पादकों को मिलेगा रेशम रत्न पुरस्कार
विभाग के निदेशक ने बताया कि रेशम निदेशालय द्वारा पहली बार ”पंडित दीनदयाल उपाध्याय रेशम रत्न सम्मान” शुरू किया जा रहा है। इस सम्मान का उद्देश्य रेशम उत्पादन और व्यापार से जुड़े किसानों, व्यापारियों, संस्थानों, डिजाइनरों को बढ़ावा देना है ताकि राज्य रेशम उत्पादन और रेशम उत्पादों में अग्रणी बन सके।
पुरस्कारों की विभिन्न श्रेणियां
रेशम विभाग के निदेशक ने कहा कि रेशम को इनोवेटिव और डिजाइनर बनाने पर विशेष फोकस किया जा रहा है। पहली बार पुरस्कारों की अलग-अलग श्रेणियां रखी गई हैं। यह सम्मान 5 नवंबर को सीएम योगी आदित्यनाथ इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में देंगे। 8 अलग-अलग श्रेणियों में सम्मान दिए जाएंगे। प्रत्येक श्रेणी में प्रथम पुरस्कार विजेता को 50,000 रुपए और द्वितीय पुरस्कार विजेता को 25,000 रुपए दिए जाएंगे।
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