Inclusive Society: 9 राज्यों में 19 स्थानों पर लगे ‘सामाजिक अधिकारिता शिविर’, जानें क्या हैं उद्देश्य

इन शिविरों के आयोजन का उद्देश्य पूरे देश में एक समावेशी समाज की सोच का निर्माण करना है, जो दिव्याङजनों और वरिष्ठ नागरिकों के लिए सशक्त और सम्मानजनक जीवन सुनिश्चित कर सकें।

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Inclusive Society: केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार (Dr. Virendra Kumar) ने 25 नवंबर को गुजरात के साबरकांठा (sabarkantha) जिले के हिम्मतनगर में दिव्यांग व्यक्तियों (persons with disabilities) को सहायता और सहायक उपकरण वितरण करने के लिए ‘सामाजिक अधिकारिता शिविर'(Social Empowerment Camp) का उद्घाटन किया।

9 राज्यों में 19 स्थानों पर लगे शिविर
भारत सरकार की एडीआईपी योजना के अंतर्गत 50 हजार से अधिक चिह्नित दिव्यांग लाभार्थियों को सहायता और सहायक उपकरणों के वितरण के लिए देश भर के 09 राज्यों में साबरकांठा सहित 19 अन्य स्थानों पर एक साथ आयोजित अन्य शिविरों को हिम्मतनगर (साबरकांठा) में वितरण शिविर को साथ ऑनलाइन जोड़ा गया था। वितरण शिविरों का आयोजन दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग (डीईपीडब्ल्यूडी), सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा भारतीय कृत्रिम अंग निर्माण निगम (एलिम्को), जो डीईपीडब्ल्यूडी के प्रशासनिक नियंत्रण में एक सार्वजनिक उपक्रम है के द्वारा संबंधित जिला प्रशासन के साथ मिलकर किया गया था।

इस अवसर पर बोलते हुए मुख्य अतिथि केंद्रीय मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में हमारे मंत्रालय के अंतर्गत दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग दिव्यांगजनों के सामाजिक, सांस्कृतिक, शैक्षणिक और आर्थिक सशक्तिकरण के लिए विभिन्न केंद्रीकृत योजनाएं लागू कर रहा है और उनके समग्र विकास को सुनिश्चित करने के लिए एक समावेशी और सुलभ वातावरण तैयार कर रहा है।

हर क्षेत्र में नई तकनीक का उपयोग

विभाग की उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने हर क्षेत्र में नई तकनीक के उपयोग पर बहुत जोर दिया है, तदनुसार मंत्रालय ने दिव्यांगजनों के लिए उच्च गुणवत्ता वाली सहायता और सहायक उपकरण बनाने की कई पहल की हैं, उन्होंने कहा कि विभाग अब अधिक सटीक और उन्नत कृत्रिम अंग बनाने के लिए 3डी स्कैनिंग तकनीक पर ध्यान केंद्रित कर रहा है और विभाग को कृत्रिम अंग उपलब्ध कराने के लिए साबरकांठा जिले में 3डी स्कैनिंग शिविर आयोजित करने का निर्देश दिया, इसके साथ ही जिला इस तकनीक का लाभ उठाने वाला राज्य का पहला जिला होगा।

समावेशी समाज की सोच का निर्माण
इन शिविरों के आयोजन का उद्देश्य पूरे देश में एक समावेशी समाज की सोच का निर्माण करना है, जो दिव्याङजनों और वरिष्ठ नागरिकों के लिए सशक्त और सम्मानजनक जीवन सुनिश्चित कर सकें। इसका उद्देश्य दिव्याङजनों को समान अवसर प्रदान करना है, जिससे वे उत्पादक, सुरक्षित और सम्मानजनक जीवन जी सकें। इन सहायक उपकरणों का उद्देश्य समाज की मुख्यधारा में शामिल करने के लिए लाभार्थियों को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाना है। इस अवसर पर साबरकांठा के सांसद दीपसिंह राठौड़, राज्यसभा सांसद, रमीला बेन बारा, स्थानीय जन प्रतिनिधि और जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति रही।

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