दिन विशेष 20 सितंबरः हम बदलेंगे युग बदलेगा, हम सुधरेंगे युग सुधरेगा

वे मानते थे कि आचरण द्वारा प्रस्तुत किया गया उपदेश ही प्रभावी व सार्थक होता है, केवल वाणी से दिया गया उपदेश नहीं। 2 जून 1990 को उन्होंने देह का त्याग किया

293

युग निर्माण आंदोलन का सूत्रपात करने वाले वैज्ञानिक अध्यात्म के अग्रदूत पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य (Shriram Sharma Acharya) का जन्म 20 सितंबर 1911 को उत्तर प्रदेश के आगरा (Agra) में हुआ था। उन्होंने युग निर्माण  के उद्देश्य से गायत्री परिवार (Gayatri Parivar) की स्थापना की, जिसके आज 150 मिलियन सदस्य और दुनिया भर में 5000 केंद्र व देव संस्कृति विश्वविद्यालय (Dev Sanskriti University) हैं।

मनुष्य अपने रचयिता की तरह ही सामर्थ्यवान है
उन्होंने 3400 से अधिक पुस्तिकाएं लिखीं। वे संपूर्ण वैदिक शास्त्र- वेद, पुराण, उपनिषद् के व्याख्याता हैं। उन्होंने गायत्री मंत्र (Gayatri Mantra) के महत्व और उसकी सार्थकता की चर्चा करते हुए कहा कि- मनुष्य अपने रचयिता की तरह ही सामर्थ्यवान है। वे मानते थे कि आचरण द्वारा प्रस्तुत किया गया उपदेश ही प्रभावी व सार्थक होता है, केवल वाणी से दिया गया उपदेश नहीं। 2 जून 1990 को उन्होंने देह का त्याग किया, जिसे गायत्री जयंती और महानिर्वाण दिवस के साथ मनाया जाता है। पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य की नीतियां हमें ये उपदेश देती हैं कि हम बदलेंगे युग बदलेगा, हम सुधरेंगे युग सुधरेगा।

यह भी पढ़ें – भारत नई चेतना और ऊर्जा के साथ जाग्रत हो चुका हैः PM Modi

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.