आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका के लिए आगामी तीन सप्ताह बेहद कठिनाई भरे हो सकते हैं। ऐसे में श्रीलंका के प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने मंगलवार को देश के नागरिकों से ईंधन और गैस का संयम और किफायत से उपयोग करने का आग्रह किया है।
संसद में प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने कहा कि उनकी सरकार की मुख्य प्राथमिकता आर्थिक स्थिरता है और यह मेहनत, समर्पण दूरगामी परियोजनाओं को लागू करके ही प्राप्त किया जा सकता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि श्रीलंका ईंधन पर प्रति माह 500 मिलियन अमेरिकी डॉलर खर्च करता है और गैस आयात करने के लिए प्रति माह 40 मिलियन अमेरिकी डॉलर की भी आवश्यकता होती है। उन्होंने कहा कि अगले तीन सप्ताह ईंधन को लेकर बेहद कठिन होंगे। ऐसे में हम सभी को ईंधन और गैस का सावधानी से उपयोग करना चाहिए। मैं सभी नागरिकों से परहेज करने का आग्रह करता हूं। इस अवधि के दौरान ईंधन और गैस की जमाखोरी से आप सभी बचें।
तीन हफ्तों के बाद नहीं होगी ईंधन की कमी
प्रधानमंत्री विक्रमसिंघे ने उम्मीद जताते हुए कहा कि तीन हफ्तों के बाद, हम बिना किसी रुकावट के ईंधन और भोजन उपलब्ध कराने की कोशिश करेंगे। ऐसा सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न पक्षों के साथ बातचीत चल रही है।
विदेशी संबंधों पर ध्यना देने की जरुरत
उन्होंने आगे कहा कि श्रीलंका को भी अधिक अंतरराष्ट्रीय समर्थन जुटाने के लिए अपने विदेशी संबंधों पर ध्यान देने की जरूरत है, जिसका उन्होंने कारण बताया कि ऐसा इसलिए है क्योंकि देश अपनी खराब विदेश नीतियों के कारण दुनिया में हाशिए पर जा रहा है। विदेशी मुद्रा की कमी के कारण श्रीलंका अपने सबसे खराब आर्थिक संकट के बीच में है, जिसके कारण दवाओं, ईंधन और भोजन जैसी आवश्यक चीजों की कमी हो गई है।