राज्य में दसवीं और बारहवीं की परीक्षा के लेकर पेंच कायम है। कोविड 19 के संक्रमण को लेकर सरकार इन दोनों ही वर्गों के छात्रों की परीक्षा वर्तमान स्थिति में कराने की इच्छुक नहीं है। अब जो जानकारी मिल रही है इसके अनुसार इन दोनों ही कक्षाओं की परीक्षा जून में हो सकती है।
दसवीं और बारहवीं की परीक्षा ऑफलाइन पद्धति से कराने के लिए शिक्षा विभाग निश्चयी है। ऐसे में कोविड 19 का बढ़ता प्रकोप चिंता उत्पन्न कर रहा है। इस स्थिति में स्कूली शिक्षा मंत्री वर्षा गायकवाड जनप्रतिनिधियों, अभिभावक, शिक्षा विशेषज्ञ से चर्चा करेंगी।
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रोहित पवार की राय भी आई सामने
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के विधायक रोहित पवार ने जून में परीक्षा लेने की राय दी है। उन्होंने कहा है कि ऑफलाइन पद्धति से परीक्षा लेना ही उचित है। इससे छात्रों की गुणवत्ता पर कोई प्रश्न चिन्ह नहीं खड़ा होगा। लेकिन इसके लिए छात्रों को परीक्षा भवन तक जाना होगा। इसके लिए छात्रों को उनके स्कूल में ही केंद्र दिया जाए, जिससे उन्हें अन्य स्कूलों में नहीं जाना पड़ेगा।
परीक्षा के पहले टीकाकरण
जून में परीक्षा के पहले छात्रों का टीकाकरण सुनिश्चित किया जाए। इसके लिए केंद्र सरकार से चर्चा की जानी चाहिए। परीक्षा के परिणामों को तय समय में जारी करने के लिए अभी से ही तैयारी करनी होगी।
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भाजपा भी टालने के पक्ष में
भारतीय जनता पार्टी भी दसवीं और बारहवीं की परीक्षा टालने के पक्ष में है। विधायक आशीष शेलार ने कहा है कि कोविड 19 के संक्रमण को नियंत्रण में लाने के बाद ही परीक्षा का आयोजन किया जाना चाहिए। इस विषय में शिक्षा मंत्री वर्षा गायकवाड ने आशीष शेलार से भ्रमणध्वनि पर चर्चा की थी। शेलार ने कहा कि, वर्तमान की भयावह परिस्थिति को देखते हुए छात्रों की सुरक्षा आवश्यक है।