महाराष्ट्र के सुदूर क्षेत्र को शहर से जोड़नेवाली एसटी विपरीत आर्थिक परिस्थितियों से जूझ रही है। कर्मचारियों का तीन महीने का वेतन रुका पड़ा है। इसके लिए 900 करोड़ रुपए चाहिए। वेतन न मिलने को लेकर अब आत्महत्याएं भी शुरू हो गई हैं। एक कर्मचारी ने तो अपने सुसाइड नोट में एसटी प्रबंधन और राज्य सरकार को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया है।
ये भी पढ़ें – सीएम की ‘हां’, मनपा की ‘ना’….दिवाली में लोचा क्यों ?
राज्य की गति मानी जानेवाली लाल परी आर्थिक परेशानी में है। घरों में दीप प्रज्वलित हों, उसके पहले ही दो कुल दीपकों ने आत्महत्या कर ली। ये आत्महत्याएं जलगांव और रत्नागिरी में हुई हैं। इनमें से जलगांव डिपो के कर्मचारी मनोज चौधरी ने अपने आत्महत्या नोट में एसटी प्रबंधन और सरकार को जिम्मेदार बताया है। हालांकि, इन मामलों के घटने के पहले ही परिवहन मंत्री अनिल परब ने दीपावली के पहले एक महीने का वेतन भुगतान करने का आश्वासन दिया था। इसे लेकर उन्होंने फिर गंभीरता दर्शाई थी।
https://twitter.com/adv_anilparab/status/1311911034504921088
हालांकि इस सुसाइ़ नोट की अभी जांच होनी है लेकिन जिस प्रकार से सरकार का नाम और उसमें सिर्फ शिवसेना को अपनी आत्महत्या के लिए जिम्मेदार ठहराया है मनोज चौधरी ने, उससे एक बड़ा असंतोष सामने आया है।
ये भी पढ़ें – और पूरी हुई 134 वर्षों की प्रतीक्षा!
Ratnagiri Jalgaon ST Driver & Conductor committed Suicides, in their Dying Declaration they said "Thackeray Sarkar is responsible for their Atmahatya as they have not received Salaries" Whom Thackeray Sarkar will arrest Transport Minister? Chief Minister? for abetment 4 Suicide
— Kirit Somaiya (@KiritSomaiya) November 9, 2020
चलती है पर घाटे में…
* एसटी पर 5000 करोड़ रु. का ऋण
* युति सरकार में 1400 करोड़ रु. का लिया ऋण
* राज्य सरकार पर 6 लाख करोड़ का ऋण
सरकार द्वारा उपलब्ध कराए गए इन आंकड़ों से स्पष्ट है कि राज्य सरकार और एसटी बसें दोनों की स्थिति एक जैसी है। दोनों ही चल रही हैं लेकिन घाटे में। ऐसे में अब एसटी महामंडल (राज्य परिवहन महामंडल) के पास दो मार्ग थे, जिसमें से एक कि वो राज्य सरकार से निधि मांगे और दूसरा कि वो बैंकों से ऋण ले। एसटी ने इसमें से दूसरा विकल्प चुना। अब एसटी स्वत: बैकों से ऋण उठाएगी। जिसके लिए राज्य के 250 बस डिपो और 609 बस स्थानकों में से कुछ स्थानों को रेहन रखेगी।
Join Our WhatsApp Communityएसटी कामगार संगठन के अध्यक्ष संदीप शिंदे ने कहा है कि, जलगांव में मनोज चौधरी नामक हमारे एक सहकर्मी ने आत्महत्या कर ली। अपने सुसाइड नोट में उसने लिखा है कि वो सिर्फ वेतन न मिलने के कारण आर्थिक तंगी की वजह से आत्महत्या कर रहा है।ये बहुत ही दुखद घटना है। और कितना इंतजार करें । जैसे किसान खत्म हो रहा है ,वैसे ही एसटी कर्मचारी भी खत्म हो जाएंगे।