गुजारत में 15 सितंबर से 2 अक्टूबर तक आयोजित ‘स्वच्छता ही सेवा’ अभियान के अंतर्गत राज्य में किए गए विभिन्न कार्यों की सोमवार को गांधीनगर में उच्च स्तरीय बैठक आयोजित कर सर्वग्राही समीक्षा की। मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल ने इस बैठक में ‘स्वच्छता ही सेवा’ अभियान को दो महीनों तक और व्यापक बनाकर समग्र राज्य में जन सहयोग से स्वच्छता अभियान को आगे बढ़ाने के दिशा-निर्देश दिए।
पटेल ने इस संदर्भ में शहरी विकास विभाग और पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग तथा अन्य सम्बद्ध विभागों को आगामी आठ सप्ताहों के दौरान हर रविवार को थीम आधारित सफ़ाई-स्वच्छता कार्यक्रम आयोजित करने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि स्कूल-कॉलेजों, पुस्तकालयों, बस अड्डों, रेलवे स्टेशनों, धार्मिक स्थानों और पर्यटन-यात्राधामों में इस अभियान के साथ ‘निर्मल गुजरात’ के विचार को भी चरितार्थ करना है। बैठक में प्रधानमंत्री के गांधी जयंती से पूर्व 1 अक्टूबर को ‘एक तारीख़, एक घण्टा, एक साथ’ स्वच्छता अभियान के लिए किए गए आह्वान को गुजरात द्वारा सघन स्वच्छता अभियान से साकार किए जाने की समीक्षा की गई। इस समीक्षा बैठक में बताया गया कि राज्य के 18 हज़ार गांवों में 2.67 लाख से अधिक कार्यक्रम आयोजित कर लगभग 3.92 करोड़ लोगों की जनभागीदारी से गार्बेज-फ़्री भारत का संकल्प पूरा किया गया है। इतना ही नहीं, शहरी क्षेत्रों में 26 हज़ार से अधिक क्षेत्रों में लाखों लोगों की सहभागिता से सफ़ाई अभियान चलाया गया।
मुख्यमंत्री ने लोगों, जन प्रतिनिधियों, पदाधिकारियों तथा सभी के श्रमदान से गुजरात को ‘स्वच्छता ही सेवा’ में अग्रसर रखने की प्रतिबद्धता व्यक्त की। उन्होंने इस संबंध में आगे कहा कि सरकारी कार्यालयों, आवासों, सार्वजनिक स्थलों के साथ-साथ वॉटर बॉडीज़ की साफ़-सफ़ाई को भी जोड़ लेने का आयोजन किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि राज्य के महानगर पालिका क्षेत्रों में प्रवेश मार्गों की सीमा से पाँच किलोमीटर तक के क्षेत्र, नगर पालिका क्षेत्रों में प्रवेश मार्गों की सीमा से दो किलोमीटर तक के क्षेत्र तथा ग्रामीण क्षेत्रों में मुख्य मार्गों, राजमार्गों को जोड़ने वाले मुख्य मार्गों की ग्राम पंचायतों द्वारा हर रविवार को सफ़ाई किए जाने की व्यवस्था की जाए।
भूपेंद्र पटेल ने स्कूल-क़ॉलेजों, सार्वजनिक स्थानों की दैनिक साफ़-सफ़ाई के अलावा अधिक मात्रा में कूड़ा एकत्र होने वाले स्थानों की सफ़ाई और लीगेसी वेस्ट की उचित निकासी के लिए भी मार्गदर्शन दिया। उन्होंने राज्य सरकार के शिक्षा, शहरी विकास, पंचायत एवं ग्रामीण विकास तथा पर्यटन आदि विभागों निर्देश दिया कि वे इसके लिए होल ऑफ़ गवर्नमेंट अप्रोच से यह सफ़ाई अभियान चलाएं।
बैठक में मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव के. कैलाशनाथन, मुख्य सचिव राज कुमार, अपर मुख्य सचिव पंकज जोशी, प्रधान सचिव अश्विनी कुमार, प्रधान सचिव मोना खंधार, प्रधान सचिव मनीषा चंद्रा, सचिव हारित शुक्ला सहित संबंधित विभागों के सचिव सहभागी हुए।
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