बाकू में खेले गए फिडे शतरंज विश्व कप में भारत के प्रज्ञानंद की जमकर तारीफ हुई। इस मैच पर पूरे भारत की नजर थी। हालांकि प्रज्ञानंद को चैंपियन मैगसन कार्लसन से हार माननी पड़ी।
18 वर्ष की उम्र में ही प्रज्ञानंद ने सबका ध्यान अपनी ओर खींच लिया। इस बार पूरे भारत को उनसे सफलता की उम्मीद थी। इस मौके पर सुधा मूर्ति ने अभिभावकों को सलाह देते हुए कहा कि “अपने बच्चे का तनाव न बढ़ाएं।”
सुधा मूर्ति ने क्या कहा?
शतरंज विश्व कप में प्रज्ञानंद के प्रदर्शन के बाद सुधा मूर्ति ने अहम सलाह दी है। उन्होंने कहा, “प्रज्ञानंद जीतना चाहते हैं, इसलिए उन पर दबाव न डालें। प्रज्ञानंद को शांति से अपने खेल पर ध्यान देना चाहिए। किसी को भी खिलाड़ी को खेल के लिए तनाव नहीं देना चाहिए। उसे हमेशा शांत दिमाग से खेलने देना चाहिए।” सुधा मूर्ति ने यह भी कहा कि हमें बच्चे को तनाव नहीं देना चाहिए।
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सुधा मूर्ति ने कहा, “माता-पिता को किसी प्रतियोगिता या सामान्य परीक्षा में शामिल होने वाले बच्चों पर कोई दबाव नहीं डालना चाहिए। खुश रहें और अपनी असफलताओं के साथ-साथ अपनी सफलताओं पर भी डटे रहें।”
सादगी में सौंदर्य है
प्रज्ञानंद की इस पूरी यात्रा में उनकी मां सबसे आगे रहीं। चाहे वो उनकी सादगी हो या उनके चेहरे पर बेटे की सफलता की खुशी। प्रत्येक माता-पिता को इस सरलता का अनुभव करना चाहिए क्योंकि आपकी सादगी बच्चों को सफलता हासिल करने के लिए प्रोत्साहित करती रहेगी।