हिमाचल प्रदेश में आर्थिक तंगी से जूझ रही सुक्खू सरकार आय बढ़ाने के नए रास्ते खोज रही है। राज्य सरकार अब कबाड़ पर टैक्स लगाकर राज्य की माली हालत को दुरुस्त करेगी। इसके लिए स्क्रैप पॉलिसी लाई जाएगी, जिससे कबाड़ के जरिये मोटी कमाई कमाने वालों पर शिकंजा कसा जाएगा औऱ मनमर्जी से कबाड़ की बिक्री-खरीद पर रोक लगेगी। एक अनुमान के मुताबिक कबाड़ पर टैक्स लगाकर सुक्खू सरकार सालाना 500 करोड़ से एक हज़ार करोड़ जुटाएगी।
कबाड़ पर होगा नियंत्रण
दरअसल राज्य के इंडस्ट्रियल इलाकों में कबाड़ के करोड़ों के कारोबार पर सरकार का कोई नियंत्रण नहीं है और कबाड़ का अवैध कारोबार धड़ल्ले से फल-फूल रहा है। इसके अलावा शहरी व ग्रामीण इलाकों में भी कबाड़ के व्यवसायी बेरोकटोक व बेखौफ कारोबार कर रहे हैं। इससे सरकार को कोई राजस्व नहीं आ रहा है। राज्य के उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने गुरुवार को बताया कि निजी क्षेत्र खासतौर पर फैक्ट्रियों में कबाड़ की खरीद व बिक्री पर अभी तक सरकार का कोई नियंत्रण नहीं है। औद्योगिक क्षेत्रों में फैक्ट्रियों से बड़े पैमाने पर गतों, प्लास्टिक व अन्य सामान का कबाड़ निकलता है। इस कबाड़ को बेचने के लिए फैक्ट्रियों के संचालकों पर सियासी दवाब रहता है और इसके पीछे दलाली का भी खेल होता है।
स्क्रैप पॉलिसी से होगा लाभ
सरकार ने कहा कि प्रदेश सरकार स्क्रैप पॉलिसी लाकर औद्योगिक क्षेत्रों में कबाड़ की खरीद व बिक्री को नियमों के दायरे में लाएगी। स्क्रैब पॉलिसी के लिये विधानसभा के बजट सत्र में विधेयक लाया जाएगा। इस पॉलिसी के लागू होने से जहां सरकार का राजस्व बढ़ेगा, वहीं कबाड़ की आड़ में हो रही दलाली पर भी रोक लगेगी।उन्होंने कहा कि उद्योग महकमा स्क्रैब पॉलिसी पर मंथन कर रहा है।
ये भी पढ़ें – आबकारी घोटाला: तिहाड़ में आप के मनीष सिसोदिया से ईडी की पूछताछ, के.कविता भी दिल्ली में
Join Our WhatsApp Community