सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार, राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को निर्देश दिया है कि वो दिसंबर 2020 के आदेश का पालन करते हुए सभी पुलिस थानों और जांच एजेंसियों के दफ्तरों में सीसीटीवी कैमरे लगाएं। जस्टिस बीआर गवई की अध्यक्षता वाली बेंच ने 29 मार्च तक अनुपालन रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया।
इस मामले पर सुनवाई करते हुए 2 मार्च 2021 को कोर्ट ने सीबीआई, एनआईए, ईडी, एनसीबी, डीआरआई, एसएफआईओ के दफ्तरों में सीसीटीवी लगाने के आदेश पर अमल न होने पर केंद्र और राज्य सरकारों को फटकार लगाई थी। सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्य सरकारों को इसके लिए धन आवंटित करने का निर्देश दिया था। सुनवाई के दौरान जस्टिस आरएफ नरीमन की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा था कि ऐसा लग रहा है कि सरकार पैर पीछे खींच रही है।
2020 को कोर्ट ने दिया था आदेश
दरअसल, 2 दिसंबर 2020 को कोर्ट ने सभी राज्यों को अपने पुलिस स्टेशनों पर आडियो रिकार्डिंग के साथ सीटीटीवी कैमरे लगाने का निर्देश दिया था। कोर्ट ने आने-जानेवाले द्वार समेत हर अहम स्थानों पर कैमरे लगाने और उसकी रिकार्डिंग डेढ़ साल तक संरक्षित रखने का निर्देश दिया था।
दायर की थी याचिका
याचिका परमवीर सिंह सैनी ने दायर की थी। कोर्ट ने वकील सिद्धार्थ दवे को इस मामले में कोर्ट की मदद करने के लिए एमिकस क्युरी नियुक्त किया था। कोर्ट ने अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल को भी कोर्ट की मदद करने का आग्रह किया था। सुप्रीम कोर्ट ने पुलिस ज्यादती पर रोक लगाने के लिए अप्रैल 2018 में आदेश दिया था कि देशभर के सभी थानों में सीसीटीवी लगाए जाएं।