शाहीनबाग में हुए विरोध प्रदर्शन पर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। शीर्ष अदालत ने अपने फैसले में कहा कि सार्वजनिक सड़कों और स्थानों पर प्रदर्शनकारियों द्वारा अनिश्चित काल तक कब्जा नहीं किया जा सकता है। शाहीन बाग में सड़क पर नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में 100 दिनों तक लोगों ने प्रदर्शन किया था। इस मामले में न्यायालय ने कहा है कि प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए दिल्ली पुलिस को कार्रवाई करनी चाहिए थी।
अदालत ने कहा कि सार्वजनिक इलाकों को प्रदर्शन के लिए नहीं घेरा जाना चाहिए, यह लोगों के लिए परेशानियों का कारण बनती है। अदालत ने आगे कहा कि शाहीनबाग इलाके से लोगों को हटाने के लिए दिल्ली पुलिस को कार्रवाई करनी चाहिए थी।
गौरतलब है कि शाहीनबाग में नागरिकता संशोधन कानून के लिए प्रदर्शनकारियों ने 100 दिनों से अधिक समय तक धरना दिया था लेकिन फिर कोरोना वायरस महामारी की वजह से दिल्ली में धारा 144 लगा दी गई। जिसके बाद दिल्ली पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को वहां से हटा दिया था।