कोर्ट में महिलाओं के लिए इन शब्दों से करें परहेज, वर्ना पड़ेगा भारी, जानें पूरा मामला

वकील अपनी दलीलों में और जज अपने फैसले में इस हैंडबुक का फायदा उठाकर महिलाओं के लिए बेहतर शब्दों का इस्तेमाल कर सकेंगे। इस हैंडबुक का प्रयोग दलील देने और आदेश की कॉपी तैयार करने में किया जा सकेगा। इस बुक में बताया गया है कि कैसे कोई रुढ़ीवादी शब्द कानून के खिलाफ जा सकता है।

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सुप्रीम कोर्ट ने न्यायिक प्रकिया में महिलाओं के लिए इस्तेमाल होने वाले ‘रूढ़िवादी’ शब्दों का इस्तेमाल रोकने के लिए एक हैंडबुक रिलीज की है। ‘combating Gender sterotype’ नामक इस हैंडबुक में महिलाओं को लेकर इस्तेमाल होने वाले ऐसे शब्दों और उनकी जगह इस्तेमाल किए जा सकने वाले बेहतर शब्दों की सूची है।

चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि वकील अपनी दलीलों में और जज अपने फैसले में इस हैंडबुक का फायदा उठाकर महिलाओं के लिए बेहतर शब्दों का इस्तेमाल कर सकेंगे। इस हैंडबुक का प्रयोग दलील देने और आदेश की कॉपी तैयार करने में किया जा सकेगा। इस बुक में बताया गया है कि कैसे कोई रुढ़ीवादी शब्द कानून के खिलाफ जा सकता है। यह हैंडबुक जल्द ही सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर अपलोड कर दी जाएगी। हैंडबुक में महिलाओं से जुड़े प्रसंगों में उनके लिए उपस्त्री या रखैल जैसे शब्दों से बचने की सलाह दी गई है।

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