सर्वोच्च न्यायालय ने हेट स्पीच और हेट क्राइम से जुड़े दिशा-निर्देशों को लागू करने को लेकर सभी राज्यों से स्टेटस रिपोर्ट मांगी है। जस्टिस संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली बेंच ने तहसीन पूनावाला मामले में सर्वोच्च न्यायालय से जारी दिशा-निर्देश लागू करने के मामले में तीन हफ्ते में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है।
शीघ्र कदम उठाने की जरुरत
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि कानून एकदम स्पष्ट है और उसको लागू करना एक समस्या है। कभी-कभी कानून स्पष्ट होता है, समस्या तब होती है जब कानून स्पष्ट न हो। कोर्ट ने कहा कि है चाहते हैं कि सरकार द्वारा व्यावहारिक और शीघ्र सख्त कदम उठाने की जरूरत है। इसके लिए हम अपने फैसले में कुछ बदलाव या ढिलाई नहीं करेंगे। उसमें हम कुछ और जोड़ेंगे। हम चाहते हैं कि निर्देशों का सही ढंग से पालन हो। निर्देशों का पालन नहीं होने की स्थिति में याचिकाकर्ता हाई कोर्ट जा सकते हैं।
पुलिस अधिकारियों को संवेदनशील बनाने की जरूरत
जस्टिस खन्ना ने कहा कि पुलिस अधिकारियों को संवेदनशील बनाने की जरूरत है और पुलिस अकादमियों को इसमें बड़ी भूमिका निभानी होगी। कोर्ट ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि सीसीटीवी कैमरे काम कर रहे हैं। जहां भी जिला मजिस्ट्रेट या डीसीपी को लगे वहां सीसीटीवी लगाए जा सकते हैं। कुछ पुलिसकर्मी भी वहां होने चाहिए। साथ ही कुछ मामलों में जहां हिंसा होती है, नोडल अधिकारियों को उन सभी घटनाओं, वीडियो आदि की सूची बनानी चाहिए और यदि ऐसे वीडियो प्राप्त होते हैं तो उन्हें आगे बढ़ाया जाना चाहिए।
याचिका में है क्या?
याचिका में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद 27 से ज्यादा रैलियां की गईं, जिसमें हेट स्पीच दी गई। सोशल मीडिया पर 2 अगस्त से वायरल एक वीडियो का हवाला दिया गया है, जिसमें हिसार में समस्त हिन्दू समाज की एक रैली में मुस्लिमों के बॉयकॉट का आह्वान किया गया था। रैली में ये आह्वान पुलिस अधिकारियों की मौजूदगी में किया गया। चार अगस्त को मध्यप्रदेश के सागर में विश्व हिंदू परिषद के नेता कपिल स्वामी ने मुस्लिमों के बॉयकॉट का खुला आह्वान किया। छह अगस्त को पंजाब के फाजिल्का में बजरंग दल के नेता ने नासिर और जुनैद की जलाकर मारने की घटना को सही ठहराया।
इन नेताओं ने की पक्षकार बनाने की मांग
सीपीएम नेता बृंदा करात और केएम तिवारी ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर हेट स्पीच मामले में पक्षकार बनने की मांग करते हुए कहा है कि वह इस मामले में अपना पक्ष रखना चाहते हैं। याचिका में कहा गया है कि विश्व हिन्दू परिषद और बजरंग दल के नेता सार्वजनिक बैठकों में हिंदू धर्म के नाम पर लोगों को मुसलमानों के खिलाफ भड़का रहे हैं। साथ ही मुसलमानों के आर्थिक और सामाजिक बहिष्कार की लगातार मांग की जा रही है। याचिका में दिल्ली में नांगलोई थाने के बाहर हुई हेट स्पीच का जिक्र किया गया है। इसके अलावा दिल्ली के 22 स्थानों पर विश्व हिन्दू परिषद और बजरंग दल के प्रदर्शनों का भी जिक्र किया गया है।