महाराष्ट्र की बेटी एशिया में नंबर एक, दौड़ाया वंदे भारत! उपलब्धियों से भरा है करियर

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महाराष्ट्र की सुरेखा यादव एशिया की पहली लोको पायलट हैं। अब उन्होंने एक नई कीर्ति प्राप्त कर ली है। सोमवार को भारत की सबसे तेज गति से चलनेवाली वंदे भारत एक्सप्रेस चलाकर वे एशिया की पहली महिला लोको पायलट बन गई हैं। सुरेखा यादव के नाम इसके पहले भी कई कीर्तिमान दर्ज हैं।

ऐतिहासिक जिले की कीर्ति गाथा
सातारा ऐतिहासिक जिला है, 16वीं सदी में छत्रपति शिवाजी महाराज ने इसे भूभाग को जीता था। शाहू महाराज के वंशजों की यह राजधानी रही है। उसी जिले का प्रतिनिधित्व करती हैं, सुरेखा यादव। वे सोमवार को सोलापुर से छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (सीएसएमटी) वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन लेकर आई। इस सफलता ने उनकी कीर्ति में एक और अध्याय जोड़ दिया। जिससे जितना देश गर्वित है, उससे कम गर्वित देश की महिला, महाराष्ट्र और सातारा जिला नहीं है।

सुरेखा यादव ने सोलापुर से 6 बजे वंदे भारत एक्सप्रेस की कमान संभाली थी और 12.35 पर छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस पहुंचना था, जहां पांच मिनट पहले ही पहुंच गई। छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस के प्लेटफार्म नंबर 8 पर उपस्थित रेल कर्मियों ने सुरेखा यादव का इस उपलब्धि के लिए अभिनंदन किया।

सुरेखा यादव का परिचय

  • सुरेखा यादव मूलरूप से महाराष्ट्र के सातारा जिले से हैं
  • वर्ष 1988 में देश की पहली महिला ट्रेन पायलट बनीं
  • वर्ष 2000 में तत्कालीन रेलमंत्री ममता बनर्जी ने चार महानगरों में महिला विशेष लोकल ट्रेन शुरू की थी, जिसके चालक दल में सुरेखा यादव भी थीं
  • 8 मार्च, 2011 को सुरेखा यादव ने पुणे से सीएसएमटी के बीच चलनेवाली डेक्कन क्वीन को चलाया

वंदे भारत एक्सप्रेस की विशेषता ये है कि, यह मात्र 52 सेकंड में शून्य से सौ किलोमीटर की गति पर दौड़ सकती है। इसकी अधिकतम गति 180 किलोमीटर प्रति घंटा है। इसमें रिक्लाइनिंग सीटें हैं, जिसमें एग्जिक्यूटिव श्रेणी में यह 180 डिग्री तक घूम सकती है। इसके अत्याधुनिक संसाधनों के कारण इसका संचालन करने में भी उन्नत स्तर के प्रशिक्षण और दक्षता की अवश्यकता होती है।

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