दो साल बाद भी झूला पुल नहीं बनने से ग्रामीणों में आक्रोश, जिलाधिकारी से मिलकर दी ये चेतावनी

वर्ष 2021 की सात फरवरी को रैणी में आये जल प्रलय के कारण जुवाग्वाड के तोक ग्वाड में गांव को जोड़ने वाला झूला पुल बह गया था।

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उत्तराखंड के चमोली जिले के जोशीमठ विकास खंड के सीमावर्ती गांव जुवाग्वाड के ग्वाड तोक में बना झूला पुल दो साल पूर्व रैणी आपदा के दौरान बह गया था। इसके निर्माण की मांग को लेकर 1 अगस्त को ग्रामीणों का एक शिष्टमंडल जिलाधिकारी से मिला। शिष्टमंडल ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांग पर जल्दी ही कोई निर्णय नहीं लिया गया तो उग्र आंदोलन करने को मजबूर हो जाएंगे।

2021 में बह गया था झूला पुल
प्रधान संघ के जिला महामंत्री पुष्कर सिंह राणा, क्षेत्र पंचायत सदस्य सुभाई ज्योति देवी ने कहा कि वर्ष 2021 की सात फरवरी को रैणी में आये जल प्रलय के कारण जुवाग्वाड के तोक ग्वाड में गांव को जोड़ने वाला झूला पुल बह गया था। उसके बाद यहां पर आने-जाने के लिए अस्थाई व्यवस्था के तौर पर लोक निर्माण विभाग की ओर से ट्रॉली लगायी गयी है। उनका कहना है कि जबकि गांव में शादी ब्याह होना होता है तो ग्रामीणों को गांव से बाहर आकर समारोह आयोजित करने को विवश होना पड़ रहा है, क्योंकि अधिक संख्या में लोगों के लिए इस ट्रॉली से आना-जाना संभव नहीं है। साथ ही यहां पर ट्रॉली को खींचने के लिए दो लोगों को रखा गया है। वे लोग भी अब ट्रॉली खींचने में अपने को असमर्थ महसूस कर रहे हैं। ऐसी दशा में लोगों के सामने संकट पैदा हो गया है।

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अविलंब झूला पुल बनाने की मांग
उन्होंने जिलाधिकारी से मांग की कि अविलंब यहां पर झूला पुल का निर्माण कराया जाए ताकि ग्रामीणों को आने जाने में सुविधा हो सके। जिलाधिकारी को ज्ञापन देने पहुंचे ग्रामीणों में आलम सिंह, बख्तावर सिंह, जगत सिंह, नन्दा सिंह, दिनेश सिंह, ज्योति देवी, पुष्कर सिंह राणा आदि मौजूद थे।

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