Swami Vivekananda-Jayanti: अस्पृश्यता व जातिगत भेदभाव के खिलाफ थे स्वामी विवेकानंद-शाह

पूरे विश्व को भारतीय संस्कृति की उत्कृष्टता का दर्शन कराने वाले स्वामी विवेकानंद युवा शक्ति को राष्ट्रनिर्माण का आधार मानते थे।

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Swami Vivekananda-Jayanti: केन्द्रीय गृह एवं सहकारितामंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने कहा कि स्वामी विवेकानंद अस्पृश्यता व जातिगत भेदभाव के खिलाफ थे। वह ऐसे भेदभाव को राष्ट्र के चहुंमुखी विकास में सबसे बड़ी बाधा मानते थे।

युवा शक्ति राष्ट्रनिर्माण का आधार
शाह ने शुक्रवार को स्वामी विवेकानंद की जयंती के अवसर पर देशवासियों को बधाई देते हुए एक्स पर लिखा कि पूरे विश्व को भारतीय संस्कृति (Indian culture) की उत्कृष्टता का दर्शन कराने वाले स्वामी विवेकानंद युवा शक्ति (youth power) को राष्ट्रनिर्माण का आधार मानते थे। उनके विचारों ने युवाओं के चरित्र निर्माण और उनमें राष्ट्रीयता का भाव (sense of nationalism) जागृत करने में उल्लेखनीय भूमिका निभाई। उनके द्वारा स्थापित रामकृष्ण मिशन आज एक वटवृक्ष बनकर जनसेवा का कार्य कर रहा है।

12 जनवरी 1985 को पहली बार मना राष्ट्रीय युवा दिवस
शाह ने कहा कि ऐसे युगमनीषी स्वामी विवेकानंद को उनकी जयंती पर वह नमन करते हैं और देशवासियों को राष्ट्रीय युवा दिवस की शुभकामनाएं देते हैं। उल्लेखनीय है कि स्वामी विवेकानंद की जयंती को राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है। 12 जनवरी 1985 को पहली बार राष्ट्रीय युवा दिवस मनाया गया था।

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