नरेश वत्स
Swatantryaveer Savarkar Jayanti Special: स्वातंत्र्यवीर सावरकर (Swatantryaveer Savarkar) एक सच्चे देशभक्त और बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी थे । उनकी भविष्यवाणी एक-एक कर सही साबित हो रही है। चाहे बंटवारे के बाद पाकिस्तान (Pakistan) से लगती सीमा पर तनाव की बात हो या चीन के साथ भारत के संबंधों की हो। वीर सावरकर का ‘अखंड भारत ‘का संकल्प भी पूरा होगा । इसके संकेत मिलने शुरू हो गए हैं । मोदी सरकार ने वीर सावरकर के सपने को पूरा के लिए एक-एक कदम बढ़ाने शुरू कर दिये हैं।
संसद भवन में अखंड भारत का भित्ति चित्र
भारत के नये संसद भवन में भारत के तीन पड़ोसी देश पाकिस्तान ,नेपाल और बांग्लादेश के अखंड भारत को दर्शाने वाले भित्ति चित्र लगाये गए हैं। नई संसद में लगा ये यह भित्ति चित्र प्राचीन अशोक साम्राज्य का है। सम्राट अशोक का शिलालेख रायचूर के मास्की से है और अशोक महान की मूर्ति कर्नाटक के कलबुर्गी के सन्नति से है। नये संसद भवन में अखंड भारत का चित्र लगाने का संकल्प एकदम स्पष्ट है। इसका अर्थ है कि भारत एक दिन अखंड राष्ट्र होगा । यह चित्र हमारी शक्तिशाली और आत्मनिर्भर भारत का प्रतिनिधित्व करता है। यह भित्ति चित्र अतीत में स्थित एक शक्तिशाली भारत की चाहत का प्रतीक है।
सावरकर की राष्ट्र नीति पर अमल
वर्ष 2014 के बाद से देश की सुरक्षा नीति में बड़े बदलाव आये हैं। पहले राष्ट्रनीति के पीछे देश की सुरक्षा नीति चलती थी और इस नीति की आलोचना करने वालों को चुप कर दिया जाता था। लेकिन मोदी युग में ये नीति बदल गई है। अब सुरक्षा नीति के पीछे राष्ट्र नीति चल रही है। और इस सुखद बदलाव को वीर सावरकर की राष्ट्र नीति से जोड़कर देखा जा रहा है। आज हर भारतीय अपनी पहचान पर गर्व करने लगा है । अब ये कहते हुए गर्व की अनुभूति होती है कि सावरकर युग आ रहा है।
अखंड भारत के देश
वीर सावरकर के अखंड भारत के सपने को पूरा करने के लिए हम सबको संकल्पबद्व होना होगा। भारत के अतीत की तरफ दृष्टिपात करें तो 1857 से 14 अगस्त 1947 के बीच अखंड भारत से अलग होकर कई नए देश अफगानिस्तान, श्रीलंका, सिंहलद्वीप, नेपाल, तिब्बत, भूटान, पाकिस्तान, मालदीव और बांग्लादेश बने। इन देशों में आज भी भारतीय संस्कृति और परंपरा का निर्वहन किया जा रहा है ।
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पीओके को भारत के साथ लाने की घोषणा
हम जब प्राचीन भारत के इतिहास पढ़ते हैं तो हम सोचते हैं कि क्या भविष्य में ऐसा भारत हो सकता है। 2014 से पहले यह असंभव लगता था, लेकिन पिछले 10 सालों में हमें विश्वास होने लगा है कि अखंड भारत का सपना साकार होना संभव है। अब जम्मू-कश्मीर तो छोड़िये, पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर को भी भारत के साथ लाने की बातें उठने लगी है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ ही विदेश मंत्री एस. जयशंकर भी इस बारे में कई बार घोषणा कर चुके हैं। इसी तरह भविष्य में अन्य देशों को भी भारत में मिलाकर वीर सावरकर के अखंड भारत के सपने को साकार किया जा सकता है। महर्षि अरविंद ने कहा है कि अतीत का गौरव, वर्तमान की पीड़ा और भविष्य के सपने जिस देश की युवा पीढ़ी में हो, उस देश प्रगति को रोका नहीं जा सकता।
युवाओं का सपना है अखंड भारत
देश के युवाओं के मन में देश की प्रगति सपना है। भारत का युवा सोचता है कि देश आगे बढ़ना चाहिए। हर युवा के मन की कल्पना अलग-अलग हो सकती है लेकिन दिशा एक ही है। वर्तमान की पीड़ा है, आज का खंडित भारत, कम होती सीमा, सीमा पार से घुसपैठ और विदेशी हस्तक्षेप, आतंकवाद से जूझते देश के क्षेत्र देश के विकास में बाधक हैं। भविष्य के सपने हैं कि एक समृद्ध शक्तिशाली विश्व के नेतृत्व करने वाले भारत की सांस्कृतिक विरासत को समझते हुए विश्व शांति का संदेश देते हुए अखंड भारत का सपना पूरा हो। वर्तमान युवा पीढ़ी खंडित भारत को पुनः अखंड भारत बनाने के लिए संकल्प लेकर आगे बढ़ने के लिए तैयार है।
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भारत से अलग हुए देश कंगाल
भारत से अलग हुए देशों पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान की हालत आज खस्ता हो चुकी है। कंगाल हो चुके ये देश आज भारत की समृद्धि को देखकर अपनी किस्मत पर रो रहे हैं। इन देशों में घोर गरीबी के साथ ही राजनीतिक अस्थिरता है। भारत का लोकतंत्र आज दुनिया में अपना परचम लहरा रहा है। भारत आज महाशक्ति बनने की ओर तेजी से अग्रसर है। इसके साथ ही अगले कुछ वर्षों में भारत की अर्थव्यवस्था विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगी। निश्चित रूप से वह दिन भी आएगा, जब वीर सावरकर का अखंड भारत का सपना साकार होगा।