जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी की रिहाई की मांग को लेकर संतों का कारवां 4 मार्च को मेरठ से दिल्ली के लिए प्रस्थान किया। हरिद्वार से पदयात्रा कर रहे संत 7 मार्च को दिल्ली पहुंचेंगे और वहां पर धरना देंगे।
हरिद्वार के सर्वानंद घाट से 27 फरवरी को गिरफ्तार किए गए जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी उर्फ वसीम रिजवी की रिहाई की मांग तेज हो गई है। हरिद्वार से पदयात्रा करके दिल्ली जा रहे संतों का कारवां मेरठ के दौराला में रुका।
कारवां में ये संत शामिल
हिमाचल प्रदेश के दिव्यांग योगी ज्ञाननाथजी महाराज, प्रज्ञाचक्षु स्वामी कृष्णानंद जी महाराज, महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी, महामंडलेश्वर साध्वी अन्नपूर्णा भारती, स्वामी अमृतानंद, यति सत्यदेवानंद, स्वामी श्यामचैतन्य गिरी, स्वामी संतराम आदि संतों की पदयात्रा 4 मार्च को मेरठ से दिल्ली के लिए प्रस्थान कर गई। 7 मार्च को दिल्ली पहुंच कर संत महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने आमरण अनशन करेंगे। इससे पहले अजय सिरोही और चहन सिंह बालियान के नेतृत्व में 2 मार्च की रात्रि मेरठ में संतों का स्वागत किया गया।
नरसिंहानंद गिरी ने की यह घोषणा
महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी ने कहा कि वर्तमान समय मे जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी केवल हिन्दुओ को बचाने के लिये बर्बाद हुए हैं। वे आज सत्य और न्याय का नव प्रतीक बन चुके हैं। उन्होंने वह सत्य पूरी दुनिया के सामने रखा है, जो पिछले 1400 सालों से इस देश मे किसी ने नहीं कहा। उन्हें केवल अपनी सत्यनिष्ठा और न्यायप्रियता के कारण आज ये दुर्दशा देखनी पड़ रही है। हम उनके सम्मान के लिए अंतिम सांस तक लड़ेंगे। हम जानते हैं कि वो वोट बैंक की घटिया राजनीति के शिकार हो चुके हैं। हमारी शक्ति उन्हें बचाने की नहीं है, परंतु हम उनके सम्मान की रक्षा के लिए अहिंसक तरीके से लड़ते हुए अपनी जान तो दे ही सकते हैं।