नवरात्र के दूसरे दिन मां ब्राह्मचारिणी की भक्तों ने आराधना की। भोर होते ही या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण…के स्त्रोत से फिजा गूंजने लगा। चारों ओर देवी के नौ रूपों की आराधना हो रही है। फिजां में देवी स्त्रोत गूंज रहे हैं। मंदिरों में मां की आरती में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है।
मां ब्राह्मचारिणी की पूजा-अर्चना की गई
3 अप्रैल को देवी के दूसरे स्वरूप मां ब्राह्मचारिणी की पूजा-अर्चना की गई। ब्रह्म शब्द का अर्थ तपस्या है। ब्राह्मचारिणी अर्थात तप का आचरण करने वाली ब्राह्मचारिणी देवी। ऐसी देवी का कौन सा भक्त है जो पूजा नहीं करना चाहता है। गांव से लेकर शहर तक मां के जयकारे गूंज रहे हैं। जिले का चाहे नेपाल से सटा-बसा रुपईडीहा की आबादी हो या शहर या फिर गांव। नवरात्र के इस भक्ति प्रवाह में हर वक्त प्रवाहित व गुंजरित होने वाले भक्ति गीतों से माहौल गुंजायमान हो रहा है। संहारिणी मंदिर, अस्पताल चौराहा सती माता मंदिर,सिद्धनाथ मंदिर, गुल्लावीर मंदिर, रामजानकी मंदिर के अलावा अन्य मंदिरों में मां ब्राह्मचारिणी की पूजा के साथ जयकारे गूंजते रहे। मंदिरों में भक्त पूजा के लिए उमड़ते रहे। घंटे-घड़ियाल गूंजते रहे। मंदिरों पर कड़े सुरक्षा के इंतजाम किए गए है।