द कश्मीर फाइल्सः जय श्नी राम से गूंजा सिनेमा हॉल, दर्शकों का किया गया ऐसे स्वागत

कश्मीर में घटित कश्मीरी पंडितों पर अत्याचार, त्रासदी, बेघर करने सहित अनेक विचलित करने वाले वास्तविक दृश्य और घटना सिनेमा के माध्यम से काफी साहस का परिचय देते हुए किसी निर्माता-निर्देशक ने पहली बार लोगों तक पहुंचाया है।

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कश्मीरी पंडितों के साथ हुई बर्बरता का सच सबके सामने लाने वाली द कश्मीर फाइल्स फिल्म ने सिनेमा हॉल में 80-90 के दशक से पहले की यादें ताजा कर दी है। जब 1980-90 के दशक से पहले भक्ति फिल्में बनती थीं तो सिनेमा हॉल में जयकारा गूंजता था। उसके बाद अब द कश्मीर फाइल्स के दौरान सिनेमा हॉल में ना केवल जय श्रीराम का जयकारा गूंज रहा है, बल्कि आरती की करतल ध्वनि और चंदन-वंदन भी हो रहा है।

16 मार्च की रात बेगूसराय के अलका सिनेमा हॉल में द कश्मीर फाइल्स देखने आए दर्शकों का विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं ने आरती कर और चंदन लगाकर स्वागत किया। इसके साथ ही दर्शक की मांग पर अन्य फिल्म को बीच में ही हटाकर द कश्मीर फाइल्स लगाने के लिए अलका सिनेमा हॉल के मालिक कमल किशोर सिंह एवं सभी कर्मचारियों को भगवा अंग वस्त्र से सम्मानित किया गया। इस दौरान हमेशा फिल्मी गीत बजाने वाले सिनेमा हॉल में लगातार जय श्री राम का जयकारा गूंजता रहा।

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विहिप जिला मंत्री ने सभी हिंदुओं को दी फिल्म देखने की सलाह
कार्यक्रम का नेतृत्व करते हुए विहिप जिला मंत्री विकास भारती ने कहा कि सभी हिंदुओं तथा माता-बहनों को खासकर इस फिल्म को जरुर देखना चाहिए, ताकि भारत के किसी भी राज्य के कोई जिले को फाइल्स नहीं देखना पड़े। बहुत वर्षों बाद हिन्दुओं के साथ हुए अत्याचार या यों कहें इस्लामिक आतंकवाद के द्वारा हिन्दुओं पर किए गए जघन्य अपराध को द कश्मीर फाइल्स में दिखाया गया है। कश्मीरी हिन्दुओं के साथ किए गए नरसंहार का सिर्फ 30 प्रतिशत ही फिल्मों में दर्शाया गया है।

सिनेमा के माध्यम से दिया साहस का परिचय
विकास भारती ने कहा कि यह शायद पहली फिल्म हैं जिसका दर्शक वर्ग खुद प्रचार-प्रसार कर रहे हैं। फिल्में देखने के बाद भी खून नहीं गर्म हो तो जरूर वह पानी हैं। दाउद गैंग से ग्रसित बॉलीवुड के लिए यह फिल्म एक तमाचा है कि ऐसी फिल्में भी सौ करोड़ के कमाई कल्ब मे जा सकती है। ऐसे निर्देशक एवं प्रोड्यूसर को प्रोत्साहित करना चाहिए। कश्मीर में घटित कश्मीरी पंडितों पर अत्याचार, त्रासदी, बेघर करने सहित अनेक विचलित करने वाले वास्तविक दृश्य और घटना सिनेमा के माध्यम से काफी साहस का परिचय देते हुए किसी निर्माता-निर्देशक ने पहली बार लोगों तक पहुंचाया है। उन्होंने कहा कि संगठनात्मक रूप से हमलोग हिन्दुओं को जितना जागरुक और एकजुट नहीं कर सके, उतना इस फिल्म ने कर दिया। आशा है कि भारत के कोई जिला में फिर कोई ऐसी घटना नहीं होगी तो हिन्दू भागे नहीं सड़क पर उतर कर जवाब दें। कार्यक्रम में बेगूसराय सदर प्रखंड प्रचार प्रसार प्रमुख विवेक सिंह, सुधांशु, अरविंद, मनीष, कार्तिक, अभिषेक, अमन एवं विल्सन सहित अन्य कार्यकर्ता उपस्थित थे।

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