राष्ट्रपति ने बताए सफलता के गुर, जानिये दीक्षांत समारोह में क्या बोलीं द्रोपदी मुर्मू

राष्ट्रपति ने विद्यार्थियों से अपेक्षा व्यक्त की कि आप सब समाज के उन लोगों के बारे में भी सोचें कि जो विकास की यात्रा में थोड़े पीछे रह गए हैं। समाज के प्रति उत्तरदायित्व की धारणा आपकी प्रगति के लिये भी उपयोगी सिद्ध होगी।

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फाइल चित्र

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा है कि विद्यार्थी आत्मविश्वास के साथ दुनिया में कदम रखें और आगे बढ़ते जाएं। लक्ष्य से निगाह न हटने दें। कोई भी बाधा और कोई भी चुनौती आपको अपना लक्ष्य हासिल करने से नहीं रोक पाएगी। सफल होकर आप सब दूसरों को भी आगे बढ़ने में मदद करें। साथ ही शिक्षा का उपयोग कर देश को आगे ले जाएं और अपनी सोच व कार्यों से देश व दुनिया की समस्याओं का समाधान ढूंढने में योगदान दें। राष्ट्रपति मुर्मू गुरुवार को ग्वालियर में अटल बिहारी वाजपेयी भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी एवं प्रबंधन संस्थान ग्वालियर (ट्रिपल आईटीएम) के चतुर्थ दीक्षांत समारोह में उपाधि प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को संबोधित कर रही थीं।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने ट्रिपल आईटीएम के चतुर्थ दीक्षांत समारोह में परमाणु ऊर्जा आयोग के पूर्व चेयरमेन पद्मविभूषण डॉ अनिल काकोडकर को डॉक्टर ऑफ साइंस की मानद उपाधि से विभूषित किया। साथ ही सात विद्यार्थियों को गोल्ड मैडल प्रदान किए गए। ट्रिपल आईटीएम से वर्ष 2023 में पास आउट 283 विद्यार्थियों को दीक्षांत समारोह में बीटेक, एमटेक एवं मैनेजमेंट की उपाधियां प्रदान की गईं। दीक्षांत समारोह में शामिल होने पहुंचीं राष्ट्रपति ने ट्रिपल आईटीएम में 500 बेड के छात्रावास की आधारशिला भी रखी। साथ ही मलिन बस्तियों के बच्चों से मुलाकात कर उन्हें पुस्तकें भेंट कीं।

राष्ट्रपति ने विद्यार्थियों से अपेक्षा व्यक्त की कि आप सब समाज के उन लोगों के बारे में भी सोचें कि जो विकास की यात्रा में थोड़े पीछे रह गए हैं। समाज के प्रति उत्तरदायित्व की धारणा आपकी प्रगति के लिये भी उपयोगी सिद्ध होगी। उन्होंने कहा कि दूसरों की सहायता करने से स्वयं की क्षमताओं का भी विकास होता है, यह मेरा भी निजी अनुभव है।

उन्होंने कहा कि अनुसूचित जनजाति की सबसे बड़ी आबादी मध्यप्रदेश में रहती है। प्रसन्नता की बात है कि मध्यप्रदेश में कमजोर वर्गों एवं महिलाओं का कल्याण करने की भावना के साथ अच्छे कदम उठाए जा रहे हैं। जनजातीय गौरव दिवस मनाने की शुरुआत भी सबसे पहले मध्यप्रदेश ने की है। उन्होंने मध्यप्रदेश की अपनी पिछली यात्रा के दौरान शहडोल में आयोजित हुए समारोह का जिक्र करते हुए कहा कि मुझे वहां पर पेसा एक्ट का शुभारंभ करने का अवसर मिला था। यह एक्ट जनजातीय समुदाय के लोगों के हित में लागू किया गया है।

राष्ट्रपति ने कहा कि यह दीक्षांत समारोह इसलिये भी विशेष महत्वपूर्ण है क्योंकि संस्थान ने अपनी स्थापना के 25 वर्ष पूर्ण कर लिए हैं। उन्होंने उपाधियां प्राप्त करने वाले सभी विद्यार्थियों व उनके परिजनों एवं प्राध्यापकों को बधाई व शुभकामनायें दीं। उन्होंने कहा कि यह खुशी की बात है कि ट्रिपल आईटीएम ग्वालियर शिक्षा का एक ऐसा उत्कृष्ट केन्द्र बनने की ओर अग्रसर है जहां उच्च स्तर की शिक्षा और अनुसंधान को निरंतर बढ़ावा मिलेगा। खुशी की बात है इस संस्था ने स्थानीय समुदायों की मदद के लिये विभिन्न गतिविधियां शुरू की हैं। संस्थान के विद्यार्थी व प्राध्यापक स्थानीय समुदायों के कमजोर परिवारों के बच्चों को सलाह और मार्गदर्शन दे रहे हैं। मुझे ऐसे बच्चों से मिलकर आज संतोष हुआ कि हमारे शिक्षण संस्थान बच्चों के बारे में सोच रहे हैं। राष्ट्रपति ने विद्यार्थियों का आह्वान करते हुए कहा कि आर्थिक लाभ महत्वपूर्ण होता है, लेकिन संतुष्टि उससे भी महत्वपूर्ण है। इसलिए जीवन में खुद से सवाल कर अपने को बेहतर बनाने के प्रयास निरंतर जारी रखें।

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