आजादी का अमृत महोत्सव बागी धरती पर युवाओं के सिर चढ़कर बोल रहा है। हर घर तिरंगा अभियान की धूम के बीच शहर के एकमात्र ओवरब्रिज की रेलिंग को राष्ट्रध्वज के तीन रंगों से रंगने का बीड़ा कुछ युवकों ने उठा लिया। जिसकी तारीफ हर कोई कर रहा है।
1942 में देश में सबके पहले आजाद होने वाले जिले में हर घर तिरंगा अभियान पूरे जोर शोर से चल रहा है। चाहे सरकारी भवन हों या निजी घर। हर तरफ तिरंगे का क्रेज देखने को मिल रहा है। शहर के बीचोबीच एकमात्र ओवरब्रिज अनदेखी के कारण बेरंग दिख रहा था। बस क्या था। कुछ युवा आगे आए और ओवरब्रिज की दोनों ओर की रेलिंग को तिरंगे के रंग में रंगने का बीड़ा उठा लिया।
जिलाधिकारी से मांगी मंजूरी
11 अगस्त को जिलाधिकारी को लिखित रूप में बताया कि हम ओवरब्रिज की रेलिंग को तिरंगे के तीन रंगों से रंगना चाहते हैं। जिलाधिकारी की तरफ से हरी झंडी मिलते ही ये युवा जुट गए। ये युवा जीवन प्रदाता फाउंडेशन से जुड़े हैं। जिसे कोरोना काल में लोगों को जीवन के लिए जूझते देख हर्षित गुप्ता ने बतौर एनजीओ गठित किया था। चार दिन में ओवरब्रिज की आधी रेलिंग दर्जन भर युवकों ने रंग दिया है। जिससे इसकी रौनक देखते ही बन रही है। जीवन प्रदाता फाउंडेशन के हर्षित गुप्ता ने बताया कि हम सोचे कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर हर घर तिरंगा मनाया जा रहा है तो क्यों न हम ओवरब्रिज ही रंग डालें। डीएम से अनुमति लेकर 11 अगस्त से ही रंग रहे। इसमें आमलोगों के सहयोग भी मिल रहा है।
आते-जाते लोगों ने दिए पैसे और पेंट
ओवरब्रिज से आते-जाते लोगों में कई लोग पैसे और पेंट आदि दे दे रहे हैं। हालांकि, शुरू में हम लोगों ने अपनी जेबखर्च से ही रेलिंग को पेंट कर रहे थे। अब लोगों का सहयोग और समर्थन मिल रहा है तो अच्छा लग रहा है। रेलिंग की पेंटिंग में जुटे अनुराग कुमार और कृष्ण कुमार ने बताया कि शाम को हम सभी इस पुनीत कार्य को करते हैं।