महाराष्ट्रः कोरोना का खतरा बरकरार, प्रतिबंधों में ढील नहीं! जानिये, सीएम ने और क्या कहा

महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे ने कोरोनो को लेकर एक बार फिर मजबूत स्टैंड लिया है। उन्होंने कहा कि कोरोना की चुनौती खत्म नहीं हुई है।

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महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कोरोना को लेकर एक बार फिर चेतावनी देते हुए राज्य के लोगों के साथ ही प्रशासनिक अधिकारियों को भी सतर्क रहने को कहा है। उन्होंने कहा कि कोरोना की चुनौती खत्म नहीं हुई है। ब्रेक द चेन में निर्धारित मापदंडों और पांच चरणों में प्रतिबंध हटाने पर विचार करने के बाद स्थानीय प्रशासन को प्रतिबंधों पर निर्णय लेना चाहिए। मुख्यमंत्री ने 6 जून को यह सुनिश्चित करने के लिए सख्त निर्देश दिए कि कहीं भी प्रतिबंधों में ढील न दी जाए और किसी भी परिस्थिति में किसी भी स्तर पर सार्वजनिक कार्यक्रमों और समारोहों में भीड़ न इकट्ठी हो।

 बैठक में दिए ये आदेश
4 जून के आदेश के बाद ब्रेक द चेन के तहत प्रतिबंध के मापदंड और चरणों को निर्धारित करने के बाद लोगों ने यह समझा कि राज्य में प्रतिबंधों में ढील दी गई है। सीएम ने विभागीय आयुक्त,जिलाधिकारी, महानगरपालिका आयुक्त और पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक में कहा कि किसी भी क्षेत्र में अभी तक प्रतिबंध में ढील नहीं दी गई है। उन्होंने स्पष्ट किया कि स्थिति के अनुसार प्रतिबंधों को कड़ा करने का निर्णय भी लिया जाना चाहिए।

तीसरी लहर का खतरा बरकरार
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले साल विभिन्न त्योहारों के बाद कोरोना का प्रकोप बढ़ गया था। इसलिए इस बार अधिक सतर्क रहने की आवश्यकता है, नहीं तो, तीसरी लहर एक बड़ी चुनौती पेश करेगी। हम दूसरी लहर में मरीजों की संख्या को कम करने में सफल रहे हैं, लेकिन तीसरी लहर का खतरा बना हुआ है। जिस तरह हम हर मॉनसून में अपने-अपने क्षेत्रों में नदियों और बांधों के जल स्तर की निगरानी करते हैं और नागरिकों को निकालने के लिए तत्काल कदम उठाते हैं या यदि जल स्तर एक निश्चित रेखा से ऊपर उठता है तो अन्य कदम उठाते हैं, उसी तरह कोरोना को लेकर भी कदम उठाने की जरुरत है।

यदि संदेह है, तो प्रतिबंध जारी रखें
सीएम ने कहा कि कोरोना मरीजों की संख्या में उतार-चढ़ाव आ रहा है। यहां तक ​​​​कि अगर आप चरण निर्धारित करते हैं और अगर आपको संदेह है कि संक्रमण बढ़ सकता है तो किसी भी दबाव के सामने न झुकें। निर्णय लेने का पूरा अधिकार सभी स्थानीय जिला प्रशासन को दिया गया है। यह देखते हुए कि पूरे राज्य में कोरोना संक्रमण एक जैसा नहीं है, इसकी गंभीरता कमोबेश एक जैसी है। एक तरफ तो वायरस की चेन को तोड़ने के लिए पाबंदियों का स्तर तय किया गया है और दूसरी तरफ यह देखने के लिए कि हमारी आर्थिक स्थिति कैसी है, सामाजिक और दैनिक गतिविधियां अनुशासित तरीके से शुरू होंगी। आप, स्थानीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के रूप में, इन मापदंडों के आधार पर सही निर्णय ले सकते हैं।

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गांवों को कराना है कोराना मुक्त
गांवों में बढ़ते कोरना संक्रमण पर चिंता जताते हुए सीएम ने प्रशासन को आदेश दिया कि इसके लिए गांवों के लोगों में जागरुकता फैलाने की जरुरत है, ताकि वे कोरोना संक्रमण के खतरे को समझते हुए इसके दिशानिर्देशों का पालन करें और गांव कोरोना मुक्त हो सकें।

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भीड़ बर्दाश्त नहीं
मुख्यमंत्री ने कहा कि नए आदेश में वर्गीकरण के बावजूद कोविड को आमंत्रित करने वाली भीड़ और समारोह किसी भी परिस्थिति में नहीं बर्दाश्त किए जाएंगे। कोरोना के दिशानिर्देशों का कड़ाई से पालन करना जरुरी है। उन्होंने कहा कि मेरे कहने के बावजूद स्थानीय प्रशासन को स्थिति के अनुसार ये निर्धारित करना है कि कितना प्रतिबंध कम करना है और कितना बढ़ाना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि तीसरी लहर की संभावना को देखते हुए ज्यादा सावधान और सतर्क रहें, सिर्फ रात में ही नहीं, दिन में भी दुश्मन आक्रमण कर सकता है।

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