Death: मुंबई के भायखला निवासी युवक सागर अशोक गिरि का 3 अक्तूबर की रात में हृदय गति रुक जाने के कारण दुखद निधन हो गया। उनके पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार रे रोड स्थित हिंदू श्मशान में किया गया। एक होनहार देशभक्त युवक के आकस्मिक निधन से पूरे क्षेत्र में शोक की लहर है। अंतिम संस्कार में शामिल लोगों ने काफी दुख के साथ उन्हें अंतिम विदाई दी।
सैकड़ों लोगों ने किए अंतिम दर्शन
सागर भायखला के अंजीरवाड़ी में अपने परिवार के साथ रहते थे। सागर के परिवार में उसके माता-पिता के आलाव उसकी पत्नी और बहन साखी गिरि हैं। निधन के बाद उनके पार्थिव शरीर को उसके घर के पास रखा गया था, जहां सैकड़ों की संख्या में लोग गिरि परिवार के दुख में शामिल होने के लिए मौजूद थे। सागर के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल था, जिन्हें देखकर वहां मौजूद लोगों की आंखें नम हो गई थीं।
बजरंग दल से जुड़े थे सागर
सागर हिंदू उत्थान के लिए काफी सक्रिय थे। वे बजरंग दल से जुड़े थे और आसपास के लोगों में उनका काफी सम्मान था। वे काफी सामाजिक थे और समाज के सभी कामों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते थे।
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देशभक्त और होनहार युवक
स्वतांत्र्यवीर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक के कार्याध्यक्ष रणजीत सावरकर ने सागर अशोक गिरि के निधन पर दुख व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि सागर काफी सामाजिक और देशभक्त युवक थे। उनका निधन समाज के लिए बड़ी क्षति है। भगवान उनके परिवार को इस पहाड़ जैसे दुख को सहने की शक्ति प्रदान करे।