Union Budget 2025-2026: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार का बजट 1 फरवरी को लोकसभा में पेश होगा। लगातार आठवें केंद्रीय बजट के साथ इतिहास रचने जा रही केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त सचिव तुहिन कांता पांडे सहित प्रमुख अधिकारियों के साथ मिलकर वित्त वर्ष 2025-26 के लिए 50 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का केंद्रीय बजट तैयार करने के लिए अथक परिश्रम किया है।
करना होगा समस्याओं का समाधान
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को केंद्रीय बजट में कई चुनौतियों का समाधान करना होगा, जिसमें आर्थिक विकास में कमी, अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये का गिरता मूल्य और उपभोग मांग में कमी शामिल है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण शनिवार, 01 फरवरी को मोदी 3.0 सरकार का 14वां बजट पेश करेगी।
मंत्रालय के अधिकारियों की पूरी नई टीम कर रही है मदद
वित्त मंत्रालय के तहत आर्थिक मामलों के सचिव और देश के मुख्य आर्थिक सलाहकार के अलावा मंत्रालय के अधिकारियों की पूरी नई टीम वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को आगामी केंद्रीय बजट की रणनीति तैयार करने में मदद कर रही है। हम आपको उन अधिकारियों के बारे में बता रहे हैं, जो केंद्रीय बजट बनाने की प्रक्रिया से करीब से जुड़े हुए हैं।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण
सीतारमण देश की पहली ऐसी वित्त मंत्री होंगी, जो एक अंतरिम बजट के साथ लगातार आठवां बजट पेश करेंगी। इससे पहले बतौर वित्त मंत्री डॉ. मनमोहन सिंह, अरुण जेटली, पी. चिदंबरम और यशवंत सिन्हा लगातार पांच बजट पेश कर चुके हैं। निर्मला सीतारमण ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र की पढ़ाई की है। सीतारमण ऐसे समय वित्त वर्ष 2025-26 का बजट पेश करने जा रही है, जब वैश्विक अनिश्चितता बढ़ रही है, घरेलू मांग में सुस्ती है और निजी निवेश को अभी गति पकड़नी है। ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि इस बजट में वित्त मंत्री मध्यम वर्ग को टैक्स में कुछ राहत देंगी।
तुहिन कांत पांडेय (वित्त सचिव)
वित्त सचिव तुहिन कांत पांडेय ने हाल ही में वित्त मंत्रालय में राजस्व सचिव का कार्यभार भी संभाला है। पांडेय 1987 बैच के ओडिशा कैडर के भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारी हैं। उन्होंने निवेश और लोक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) सचिव के रूप में 24 अक्टूबर, 2019 को पदभार संभालने के बाद 5 साल से अधिक काम किया। पांडेय को सार्वजनिक क्षेत्र की विमानन कंपनी एअर इंडिया की बिक्री का श्रेय दिया जाता है, जो लंबे समय से अटकी हुई थी। दीपम सचिव के रूप में उन्होंने भारतीय जीवन बीमा निगम को शेयर बाजार में लाने में भी अहम भूमिका निभाई है।
मनोज गोविल (व्यय सचिव)
मध्यप्रदेश कैडर के 1991 बैच के आईएएस अधिकारी मनोज गोविल साल 2024 अगस्त से वित्त मंत्रालय में व्यय सचिव हैं। इसके पहले वह कारपोरेट कार्य मंत्रालय में सचिव के पद पर थे। अपने तीन दशकों से ज्यादा के कार्यकाल के दौरान वह मध्यप्रदेश सरकार में वित्त और वाणिज्यिक कर के प्रभारी प्रमुख सचिव रहे हैं। व्यय सचिव के रूप में गोविल नई योजनाओं को मंजूरी देने, व्यय के दिशा-निर्देश तैयार करने और राज्यों को संसाधनों के हस्तांतरण के अलावा अन्य कई जिम्मेदारियां निभाएंगे।
अजय सेठ (डीईए सचिव)
1987 कर्नाटक बैच के आईएएस अधिकारी अजय सेठ अप्रैल, 2021 से वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग (डीईए) के सचिव हैं। केंद्रीय बजट बनाने की प्रक्रिया में डीईए सचिव का अहम रोल होता है। इनमें राजकोषीय योजना, अंतर-मंत्रालयी समन्वय और नीति निर्माण पर ध्यान केंद्रित करना होता है। सेठ को भारत के पहले सॉवरिन ग्रीन बॉन्ड इश्यू की पहल करने और इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंस सेक्रेटरिएट के सृजन का श्रेय दिया जाता है।
अरुणीश चावला (दीपम सचिव)
1992 बैच के बिहार कैडर के आईएएस अधिकारी अरुणीश चावला को 15 दिन तक राजस्व सचिव रहने के बाद 8 जनवरी से निवेश एवं सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) के सचिव हैं। चावला अस्थायी रूप से सार्वजनिक उद्यम विभाग और संस्कृति मंत्रालय में भी पदभार संभाल रहे हैं। दीपम सचिव के रूप में चावला विनिवेश, मुद्रीकरण और आईडीबीआई बैंक बेचने सहित कई अन्य सरकारी पहल का काम देख रहे हैं।
एम. नागराजू (वित्तीय सेवा विभाग के सचिव)
त्रिपुरा कैडर के 1993 बैच के आईएएस अधिकारी एम. नागराजू को 19 अगस्त, 2024 को वित्त मंत्रालय के वित्तीय सेवा विभाग में सचिव के पद पर नियुक्त किया गया। नागराजू फिनटेक के विनियमन, वित्तीय समावेशन और डिजिटल वित्तीय बुनियादी ढांचे के निर्माण पर इस बजट में वित्त मंत्री को सलाह देने वाले प्रमुख व्यक्तियों में से एक होंगे। वे इसके पहले स्वास्थ्य, महिला एवं बाल विकास, वित्त, वाणिज्य और उद्योग जैसे महत्त्वपूर्ण विभागों में सचिव से लेकर प्रधान सचिव के पद पर रह चुके हैं। नागराजू 2008 से 2012 के बीच वाशिंगटन में विश्व बैंक के कार्यकारी निदेशक के सलाहकार के रूप में भी काम किया है।
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वी. अनंत. नागेश्वरन (सीईए)
देश के मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वरन (सीईए) लेखक और अध्यापक हैं। वह वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के नजदीक सलाहकारों में से एक हैं। केंद्रीय बजट की वृहद आर्थिक पृष्ठभूमि तैयार करने में उनकी अहम भूमिका है, जिसके आधार पर बजट लक्ष्य निर्धारित किए जाते हैं और बजट भाषण लिखा जाता है। अर्थशास्त्रियों की अपनी टीम के साथ सीईए आर्थिक समीक्षा लिखते हैं, जिसे बजट पेश किए जाने के एक दिन पहले 31 जनवरी को संसद में पेश किया जाना है। नागेश्वरन का 3 साल का कार्यकाल इस वित्त वर्ष में समाप्त होने वाला है। नागेश्वरन ने भारतीय प्रबंध संस्थान, अहमदाबाद से एमबीए और एमहर्स्ट में मैसाचुसेट्स यूनिवर्सिटी से डॉक्टरेट की डिग्री हासिल की है।