राजधानी दिल्ली के अधिकांश व्यापारियों ने बाजारों को कोविड-19 प्रतिबंधों से मुक्त करने और हफ्ते के सभी दिन बाजार खोलने के पक्ष में अपनी राय दी है। खुदरा कारोबारियों के संगठन कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के एक ऑनलाइन सर्वेक्षण में 96 प्रतिशत व्यापारियों ने बाजार खोलने की बात कही है। कैट ने 22 जनवरी को इस सर्वेक्षण के परिणाम जारी करते हुए यह बात कही।
कारोबारी संगठन कैट ने बताया कि दिल्ली के उप-राज्यपाल अनिल बैजल को एक पत्र भेजकर राष्ट्रीय राजधानी में कोविड-19 संक्रमण की रोकथाम के लिए लगाए गए प्रतिबंधों में ढील देने की मांग की गई है। कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने जारी बयान में कहा कि ऐसे वक्त में जब कोरोना संक्रमण की दर में हर दिन गिरावट आ रही है, देश की दिल्ली में जारी कोविड-19 प्रतिबंधों को लेकर दिल्ली के व्यापारियों ने अपना विरोध जताया है।
21 और 22 जनवरी को कराया गया सर्वे
खंडेलवाल ने बताया कि कैट द्वारा यह ऑनलाइन सर्वेक्षण 21 और 22 जनवरी को किया गया, जिसमें व्यापारियों से दिल्ली में लगे कोविड-19 प्रतिबंधों के जारी रहने के बारे में राय देने को कहा गया था। इस ऑनलाइन सर्वे में दिल्ली के अधिकांश व्यापारियों ने बाजारों को कोरोना प्रतिबंधों से मुक्त करने की मांग की है। कैट के मुताबिक सर्वे में 96 प्रतिशत व्यापारियों ने पूरे हफ्ते बाजार खोलने का आग्रह किया है। वहीं, 4 प्रतिशत व्यापारियों ने कोविड सुरक्षा नियमों का कड़ाई से पालन करने पर जोर दिया है। 86 प्रतिशत व्यापारी का कहना है कि पिछले 20 दिनों में कोविड के चलते उनका व्यापार 60 प्रतिशत कम हुआ है।
यह है तर्क
कैट महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि जब दिल्ली में संक्रमण दर घटकर 18 प्रतिशत तक आ गई है, अस्पतालों में गंभीर मामलों में बेहद कमी है तो ऐसे समय में कारोबारियों को कोविड-19 को लेकर जारी प्रतिबंधों से रियायत देना बेहद जरूरी है, ताकि दिल्ली का व्यापार चलता रहे। खंडेलवाल ने बताया कि इस संबंध में दिल्ली के उप-राज्यपाल अनिल बैजल को एक पत्र भेजकर राजधानी में कोविड-19 प्रतिबंधों में रियायत देने की मांग की गई है। कैट ने अपने सुझाव में बाजारों को सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक खोलने की बात कही है। वहीं, होटल एवं रेस्टोरेंट को 50 प्रतिशत क्षमता के साथ खोलने की अनुमति देने और शादियों में 20 व्यक्ति की जगह 100 व्यक्तियों के शामिल होने की अनुमति देने की बात कही है।