हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में सड़कों पर लगने वाले जाम से लोगों को छुटकारा दिलाने के लिए पुलिस यातायात स्वयंसेवकों को तैनात करेगी। ये स्वयंसेवक जाम को नियंत्रित करने में पुलिस की मदद करेंगे। शहर के उन क्षेत्रों में यातायात स्वयंसेवकों को तैनात किया जाएगा, जहां रोजाना जाम की समस्या रहती है। खास बात ये है कि इन यातायात स्वयंसेवकों को पारिश्रमिक भी दिया जाएगा।
पुलिस के अनुसार एक दिन में तीन घंटे यातायात स्वयंसेवक से काम लिया जाएगा। इसकी एवज में इन्हें 100 रुपये प्रतिदिन का पारिश्रमिक मिलेगा। इस तरह प्रत्येक स्वयंसेवक को एक महीने का तीन हज़ार पारिश्रमिक दिया जाएगा। पुलिस में स्वयंसेवक बनने वालों को अनुभव प्रमाण पत्र भी दिया जाएगा। तैनाती देने से पूर्व युवाओं को पुलिस प्रशिक्षित करेगी। इन्हें बताया जाएगा कि किस तरह से यातायात काे नियंत्रित किया जाता है।
शिमला पुलिस के प्रवक्ता ने बताया कि 18 वर्ष से 30 वर्ष तक कि आयु के युवा यातायात स्वयंसेवक बनने के लिए आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए आवेदनकर्ता का 12वीं पास होना अनिवार्य है। प्रति दिन का 100 रुपये पुलिस देगी। 3 घंटे तक रोजाना पुलिस इनकी मदद लेगी।
प्रवक्ता ने कहा कि इच्छुक व्यक्ति एसपी कार्यालय या ट्रैफिक कंट्रोल रूम से इसके लिए फार्म ले सकता है। इसके अलावा https:it.ly/trafficvolunteerform पर लाग इन कर फार्म डाउनलोड कर सकते हैं। 25 मई तक इसे ट्रैफिक कंट्रोल रूम या एसपी आफिस में जमा करवाना होगा। एनएसएस और एनसीसी वॉलेंटियर को तैनाती में प्राथमिकता दी जाएगी।
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