भारतीय रेलवे द्वारा लिए गए एक फैसले के कारण रेल यात्रियों के लिए यात्रा अब महंगी होने जा रही है। रेलवे प्रशासन ने रेलवे स्टेशनों के विकास और पुनर्निर्माण के लिए रेल यात्रियों की जेब हल्का करने का फैसला किया है। रेलवे स्टेशन के काम के लिए रकम अब टिकट पर अतिरिक्त शुल्क वसूल कर जुटाई जाएगी। इस पैसे को स्टेशन विकास शुल्क कहा जाएगा।
स्टेशन विकास शुल्क टिकट की श्रेणी के अनुसार तय किया जाएगा। आम तौर पर अलग-अलग कैटेगरी (यानी फर्स्ट क्लास, एसी क्लास) में सफर करने वालों को प्रति टिकट 10 से 50 रुपए अतिरिक्त देने होंगे। यह शुल्क वसूलने के लिए रेलवे ने नियम बनाए हैं। रेलवे बोर्ड के निदेशक (यात्री विपणन) विपुल सिंघल ने इस संबंध में एक आधिकारिक पत्र जारी किया है।
एसडीएफ यानी स्टेशन विकास शुल्क अलग-अलग अनुपात में वसूला जाएगा। देखते हैं किस कैटेगरी के लिए कितना शुल्क लगेगा।
उपनगरीय रेलवे
उपनगरीय (एकमुश्त यात्रा टिकट) 0 रु
उपनगरीय रेलवे (पास) -0 रु
अनारक्षित यात्री (उपनगरीय ट्रेनों को छोड़कर)
साधारण ट्रेन (द्वितीय श्रेणी) 10 रु
मेल/एक्सप्रेस ट्रेन (द्वितीय श्रेणी) 10 रु
प्रथम श्रेणी 10 रु
एसी मेमू/डेमू 10 रु
आरक्षित लेकिन गैर एसी (उपनगरीय रेलवे को छोड़कर)
द्वितीय श्रेणी 25 रु
स्लीपर क्लास सामान्य 25 रु
स्लीपर क्लास (मेल या एक्सप्रेस) 25 रु
प्रथम श्रेणी 25 रु
आरक्षित एसी क्लास
एसी चेयर क्लास 50 रु
एसी थ्री टियर / थ्री एसी इकोनॉमी क्लास 50रु
एसी टू टियर 50 रु
एसी प्रथम श्रेणी / ईसी / ईए / एसी विस्टाडॉम 50 रु