लखनऊ विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग के प्रोफेसर रविकांत ने काशी ज्ञानवापी प्रकरण पर गैर जिम्मेदाराना टिप्पणी कर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) के निशाने पर आ गये हैं।
औरंगजेब ने मंदिर को तोड़ने का दिया आदेश
प्रो.रविकांत ने 9 मई को एक न्यूज चैनल की डिबेट में यह कहा दिया कि काशी विश्वनाथ मंदिर के गर्भगृह के नीचे एक रानी के साथ रेप किया गया था, जिसके बाद गुस्से में आकर औरंगजेब ने मंदिर को तोड़ने का आदेश दिया था। प्रो.रविकांत का बयान आने के बाद सोशल मीडिया पर भी उनका विरोध शुरू हो गया है।
ये भी पढ़ें – गर्लफ्रेंड अलीना फिर हुई गर्भवती लेकिन पुतिन को नहीं है पिता बनने की खुशी! ये है कारण
प्रो. रविकांत को निलंबित करने की मांग की
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने लखनऊ विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग के प्रोफेसर रविकांत को निलंबित करने की मांग की है। एबीवीपी के प्रान्त संगठन मंत्री अंशुल श्रीवास्तव ने कहा कि हमारी मांग है कि लखनऊ विश्वविद्यालय प्रशासन प्रोफेसर रविकांत को निलम्बित करे, अन्यथा छात्र आन्दोलन करने के बाध्य होंगे।
क्या है बयान?
‘लखनऊ विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग के प्रोफेसर रविकांत ने एक न्यूज चैनल की डिबेट में कहा कि औरंगजेब जब अपनी लश्कर के साथ जब काशी से गुजर रहा था, तब उसके साथ बहुत सारे हिन्दू राजा और रानियां थीं। हिन्दू राजाओं ने इच्छा व्यक्त की कि गंगा स्नान और दर्शन हो जाये। पूजा अर्चना के दौरान एक रानी गुम हो जाती है। जब उसे ढूंढ़ा गया तो वह रानी गर्भगृह के नीचे बने कमरे में नग्न अवस्था में पायी गयी। उसके साथ रेप किया गया।
मंदिर का पुननिर्माण नहीं हो सकता
इस घटनाक्रम पर औरंगजेब को गुस्सा आया। औरंगजेब ने कहा कि जब इस तरह का काम यहां होता है तो यहां पर मंदिर होना ही नहीं चाहिए। इसके बाद मंदिर को तोड़ा जाता है। रानी कहती है कि मंदिर फिर से बना दिया जाये। औरंगजेब कहता है कि मंदिर का पुननिर्माण नहीं हो सकता है। इसलिए वह वहां पर रानी की इच्छानुसार वहां मस्जिद बनवा देता है।
प्रो.रविकांत ने आगे कहा कि यह जो महिला हैं, उन्हें यह मालूम ही नहीं है कि इस मस्जिद के पीछे की कहानी क्या है। आज के पंडे-पुजारी क्या कर रहे हैं। आशाराम बापू से लेकर राम रहीम जैसे तमाम लोग हैं।
विरोध प्रदर्शन करने की तैयारी
प्रोफेसर का यह वीडियो सोशल मीडिया पर आने के बाद विरोध शुरू हो गया है। एबीवीपी के छात्र प्रो.रविकांत के निलम्बन की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन करने की तैयारी में हैं।