दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा कि दिल्ली सरकार के विभिन्न विभागों में दो लाख से ज्यादा कर्मचारी कांट्रेक्ट पर काम कर रहे हैं। इन विभागों में दिल्ली जल बोर्ड, डीटीसी और अन्य शामिल हैं। इन दो लाख कांट्रेक्ट कर्मचारियों को अब तक न्यूनतम वेतन नहीं मिला। यह कर्मचारी पिछले 10 से 15 साल से कांट्रेक्ट पर काम कर रहे हैं।
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21 मई को बिधूड़ी ने एक बयान जारी किया कहा कि दिल्ली सरकार न्यूनतम वेतन में वृद्धि करने के साथ ही यह भी सुनिश्चित करे कि इन कर्मचारियों को न्यूनतम वेतन दिया जाएं। अगर दिल्ली सरकार के अपने विभागों में ही कर्मचारियों को न्यूनतम वेतन नहीं दे रही तो फिर ऐसे आदेश का कोई मतलब नहीं है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा है कि आंगनवाड़ी, आशा वर्कर और बाकी बहुत-से कर्मचारी भी काफी समय से वेतनवृद्धि की मांग कर रहे हैं। दिल्ली सरकार उन्हें भी न्यूनतम वेतन नहीं दे रही।
उल्लेखनीय है कि दिल्ली सरकार ने 20 मई को मजदूरों के न्यूनतम वेतन में इजाफा किया है। यह वेतन एक अप्रैल से लागू किया गया था। महंगाई भत्ते के तहत अकुशल मजदूरों के मासिक वेतन को 16064 रुपये से बढ़ाकर 16506 रुपये कर दिया गया है। वहीं अर्ध कुशल श्रमिकों के मासिक वेतन को 17693 रुपये बढ़ाकर 18187 रुपये कर दिया गया है। जबकि कुशल श्रमिकों के मासिक वेतन को 19473 रुपये से बढ़ाकर 20019 रुपये किया गया है।
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