अग्निपथ योजना के तहत देश भर में 46 हजार अग्निवीरों की बहाली होगी। इसमें जल , थल और वायू सेना में चार साल के लिए संविदा पर की जायेगी। इस बहाली में शामिल होने वाले युवक-युवतियों की उम्र साढ़े सत्रह साल से 21 साल के बीच होगी। 90 दिन के बाद बहाली शुरू की जायेगी। बहाली सेना के पुराने बहाली की तरह ही होगा। पहले वर्ष के सलाना पैकेज के रूप में 4. 76 रुपये होगा। उनका वेतन 30 हजार रुपये होगा। ये बातें 15 जून को मेजर जेनरल राजेश कुमार(एसएम, वीएसएम) ने प्रेस कांफ्रेंस में कही।
उन्होंने बताया कि एरिया रिक्रेटमेंट ऑफिस द्वारा बहाली की संख्या निकाल कर उसे जारी कर किया जायेगा। शहीद होने वाले अग्निवीरों के परिजनों को एक करोड़ रुपये दिये जायेंगे। साथ ही उनके शेष सेवा काल का सेवा निधि सहित सारा पैसा भी उनके परिजनों को दिया जायेगा। इस दौरान ब्रिगेडियर अश्विनी नायर, कर्नल मंजीत सांगवान तथा कर्नल राममूर्ति शामिल थे।
ट्रेनिंग के दौरान मौत होने पर..
उन्होंने बताया कि अग्निवीरों की मौत अगर ट्रेनिंग के दौरान भी होती है तो उन्हें सेवा काल की शेष राशि और सेवा निधि दी जाएगी। उन्होंने बताया कि चार साल के बाद अग्निवीरों की सेवा समाप्त हो जायेगी। यदि फिर से सेवा देना चाहेंगे तो उन्हें फिर ज्वाइनिंग की सारी प्रक्रिया पूरी करनी होगी। उसके बाद उन्हें चयन कर कॉल लेटर भेजा जायेगा।
वे 15 साल कर पाएंगे सेवा
दूसरी बार जब उनकी नियुक्त होगी तो वह 15 साल तक नौकरी कर पायेंगे। दूसरे केरियर में शामिल होने के लिए वित्तीय, तकनीकी और संस्थानिक रूप से उन्हें सशक्त बनाया जायेगा, इसके लिए आइटीआइ सहित विभिन्न तकनीकी संस्थानों से भरती करके सैनिकों की तकनीकी सीमा को बढ़ाया जायेगा। वर्ष 2030 तक भारतीय सशस्त्र बलों की औसत आयु प्रोफाइल को 32 वर्ष से घटा कर 24-26 वर्ष कर दिया जायेगा।
पेंशन की योजना नहीं
उन्होंने बताया कि अग्निवीरों को पेंशन देने की योजना नहीं है। चार साल के बाद उन्हें सेवा निधि का लाभ मिलेगा। सेवा निधि के तहत अग्निवीरों के वेतन में से पहले साल हर महीने नौ हजार रुपये कटेंगे और नौ हजार रुपये सरकार की ओर से दिया जायेगा। यानि पहले साल हर माह 18 हजार रुपये अग्निवीरों की सेवानिधि में जायेगा। चार साल के बाद सेवानिवृत होने वाले अग्निवीरों को सीएसडी कैंटीन की सुविधा भी नहीं मिलेगी। अग्निवीरों की बहाली के लिए इस्तेहार, हॉडिंग्स और इस्तेहार के माध्यम से भारत के नागरिकों को जागरूक किया जायेगा।